तुम हत्या करो, जमानत मैं कराऊँगा: कमलेश तिवारी के हत्यारों से आसिम अली

कमलेश तिवारी हत्या: नागपुर से गिरफ़्तार आसिम अली (दाएँ) लोकसभा चुनाव भी लड़ चुका है

कमेलश तिवारी के दोनों हत्यारों अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन को गुजरात एटीएस ने शामलाजी इलाक़े से धर-दबोचा, जो गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित है। दोनों हत्यारों की गिरफ़्तारी से पहले सूरत से 3 साज़िशकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया था। बिजनौर के 2 मौलाना भी पुलिस के शिकंजे में हैं। इस मामले में एक गिरफ़्तारी महाराष्ट्र पुलिस ने भी की है। नागपुर से गिरफ़्तार आसिम अली केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के ख़िलाफ़ चुनाव भी लड़ चुका है। उसने एक वीडियो में कमलेश तिवारी की हत्या को जायज ठहराते हुए इस नृशंस कृत्य की प्रशंसा भी की थी।

कहा जा रहा है कि आसिम अली और अन्य साज़िशकर्ता सोशल मीडिया के माध्यम से ही संपर्क में आए थे। साज़िशकर्ताओं ने दोनों हत्यारों को आश्वासन दिया था कि हत्या के बाद अगर वो पकड़े भी जाते हैं तो उनका जमानत करवा दिया जाएगा। नागपुर से गिरफ़्तार किया गया सैयद आसिम सूरत के तीनों साजिशकर्ताओं फैज़ान, रशीद और शेख सलीम के लगातार संपर्क में था। हत्यारों ने सूरत में अपने साथियों को फोन कर के हत्या की सूचना दी थी, जिसके बाद आसिम को इस ख़बर से अवगत कराया गया था। आसिम ने न सिर्फ़ हत्यारों की जमानत कराने का ठेका लिया था बल्कि उसने इस हत्याकांड का पूरा ख़र्च उठाने की भी जिम्मेदारी ली थी।

जब सूरत के साजिशकर्ताओं ने आसिम को कॉल कर के इस घटना की जानकारी दी थी, तब आसिम ने उन्हें आगे की व्यवस्था सँभाल लेने का भरोसा दिलाया था। आरोपित आसिम यूट्यूब पर भड़काऊ वीडियो पोस्ट करने के लिए कुख्यात था और उसका वीडियो देख कर दोनों हत्यारे इस काण्ड को अंजाम देने के लिए प्रेरित हुए थे। इसके बाद वे दोनों आसिम से सोशल मीडिया पर बात करने लगे थे। फिर फोन पर बात होने लगी थी। आसिम ने आरोपितों को कई भड़काऊ वीडियो भेजे थे, जिससे वे हत्या के लिए प्रेरित हुए। हालाँकि, आसिम और हत्यारों की कभी मुलाक़ात हुई थी या नहीं, इसे लेकर संशय बना हुआ है।

बाकी के भी जो हत्यारों के मददगार पकड़े गए हैं, उनमें से कितनों ने अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन से मुलाक़ात की थी, इस बारे में पता लगाया जा रहा है। इतना साफ़ हो गया है कि सोशल मीडिया के जरिए ये लोग लगातार संपर्क में थे। आसिम अली ने पूछताछ के दौरान स्वीकारा है कि उसे पूरी साज़िश की जानकारी पहले से थी और 18 अक्टूबर को इस घटना को अंजाम दिया जाना है, यह भी उसे पता था। आसिम के बारे में पता चला है कि उसने 2 महीने पहले मुस्लिम युवाओं को मॉब लिंचिंग से बचने के लिए आत्म सुरक्षा के नाम पर लाठियाँ बाँटी थी।

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वहीं, उधर कमलेश तिवारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आ गई, जो इस हत्या की भयावहता को दिखाता है। तिवारी के सीने के बाईं तरफ चाकू से वार किए जाने की पुष्टि की गई है। इस वार से उनके शरीर में लगभग 4 सेंटीमीटर का सुराख़ हो गया था। उनके गले को 2 जगह से रेता गया। 15 बार ताबड़तोड़ चाकू मारने के बाद गोली भी मारी गई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया