Wednesday, April 24, 2024
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पहले गोली मारी फिर चाकू से 15 वार, गर्दन पर 12 cm गहरा घाव: कमलेश तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट

पुलिस इस एंगल से भी जाँच कर रही है कि पिस्टल हत्यारे लेकर आए थे या फिर वह पहले से ही वहाँ पर मौजूद था? हत्यारों ने चाकू से ताबड़तोड़ वार करने के बाद भी तिवारी को गोली मारी। इससे पता चलता है कि वे उनकी मौत के लेकर पूरी तरह आश्वस्त होना चाहते थे।

हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में सभी साज़िशकर्ता और दोनों हत्यारे पकड़े जा चुके हैं। सूरत से मौलाना शेख, फैजान और रशीद पठान को गिरफ़्तार किया गया था। मंगलवार (अक्टूबर 21, 2019) को गुजरात एटीएस ने अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन को गिरफ़्तार कर लिया। आरोपितों ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है। ये दोनों लगातार यूपी पुलिस को चकमा दे रहे थे, लेकिन इन्हें गुजरात और राजस्थान की सीमा से धर-दबोचा गया। अशफ़ाक़ एमआर का काम करता था, वहीं मोईनुद्दीन जोमाटो का डिलीवरी बॉय था। हत्या के 5 दिनों बाद दोनों की गिरफ़्तारी संभव हो सकी।

अब कमलेश तिवारी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने से उनकी हत्या की नृशंसता को लेकर नया खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक कमलेश तिवारी को 15 बार चाकू मारा गया था। हत्यारों ने पहले गोली मारी और फिर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किए गए। चाकू से सीने पर ही 7 बार वार किए गए। चाकू के वार से गर्दन पर 12 सेंटीमीटर लंबा और 3 सेंटीमीटर गहरा घाव हुआ। गला रेतने के कारण ही कमलेश की मौत हो गई।

18 अक्टूबर को हुए इस हत्याकांड के दौरान हत्यारे मिठाई के डब्बे में चाकू रख कर तिवारी के घर ले गए थे। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने कमलेश तिवारी के सीने के बाईं तरफ चाकू से वार किए जाने की पुष्टि की है। इस वार से उनके शरीर में लगभग 4 सेंटीमीटर का सुराख़ हो गया था। उनका गला 2 जगह से रेता गया।

रिपोर्ट के मुताबिक तिवारी के चेहरे के बाईं तरह बुलेट इंजरी मिली है। गोली उनके चेहरे पर दागी गई थी। हालाँकि, ये भी जाँच का विषय है कि किसी ने बुलेट की आवाज़ क्यों नहीं सुनी? पॉइंट 32 बोर पिस्टल से चली गोली की आवाज़ न तो उनके बॉडीगार्ड और न ही उनकी पत्नी को सुनाई दी। जबकि वारदात के समय ग्राउंड फ्लोर पर ही मौजूद थे। पिस्टल को चाकू के साथ मिठाई के डब्बे में ही ले जाया गया था या फिर इसे कहीं और छिपाया गया था, इस बारे में पुलिस को भी कुछ संशय है।

पुलिस का कहना है कि ये अवैध हथियार है। इसीलिए, इसे किन परिस्थितियों में वहाँ तक पहुँचाया गया, ये जाँच का विषय है। पुलिस इस एंगल से भी जाँच कर रही है कि पिस्टल हत्यारे लेकर आए थे या फिर वह पहले से ही वहाँ पर मौजूद था? हत्यारों ने चाकू से ताबड़तोड़ वार करने के बाद भी तिवारी को गोली मारी। इससे पता चलता है कि वे उनकी मौत के लेकर पूरी तरह आश्वस्त होना चाहते थे। यूपी के क़ानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि डे-टू-डे हियरिंग के जरिए 6 महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सरकार हत्यारों के लिए सजा-ए-मौत की माँग करेगी।

कमलेश तिवारी के साथ-साथ हिन्दू समाज पार्टी के यूपी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गौरव गोस्वामी की भी हत्या की साज़िश रची गई थी और उन्हें भी मिलने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वो किसी काम में व्यस्त होने की वजह से नहीं जा पाए। अशफ़ाक़ ने रोहित सोलंकी के नाम से फ़र्ज़ी फेसबुक आईडी बना कर ख़ुद को हिंदूवादी दिखाया था और कमलेश तिवारी को राम मंदिर के लिए भीड़ जुटाने का लालच दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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