असम के दिमा हसाओ जिले में भारतीय सेना के एक मेजर और उनकी पत्नी को नाबालिग घरेलू नौकरानी को प्रताड़ित करने के आरोप में (25 सितंबर, 2023) गिरफ्तार किया गया। मेजर की शैलेन्द्र यादव के रूप में हुई है। बच्ची का इलाज फिलहाल हाफलोंग सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वर्तमान में मेजर यादव हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में तैनात हैं। दो साल पहले दिमा हसाओ में तैनाती के दौरान उन्होंने हाफलोंग की किम्मी राल्सन से शादी की थी। हिमाचल में तबादला होने के बाद वो हाफलोंग से ही नाबालिग बच्ची को हाउस हेल्प के तौर पर लेकर गए थे।
इस कपल के यातनाएँ देने बाद बच्ची अपनी माँ के पास लौट आई थी। स्थानीय पुलिस को बच्ची की भयावह स्थिति के बारे में रविवार (24 सितंबर, 2023) को सतर्क किया गया और इस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
आरोपितों भेजे गए न्यायिक हिरासत में
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मेजर शैलेन्द्र यादव के असम के हाफलोंग से हिमाचल प्रदेश तबादला होने के बाद किमी राल्सन घर के कामों में मदद करने के लिए संकीजंग गाँव से नाबालिग को अपने साथ ले गई थी।
हालाँकि, किम्मी राल्सन ने कथित तौर पर बच्चे के साथ गंभीर दुर्व्यवहार किया। उस पर बच्ची को शारीरिक यातना देने, नाबालिग को गर्म पानी से जलाने और जबरन उसके कपड़े उतारने के आरोप है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बच्ची हाल ही में 24 सितंबर को हाफलोंग में अपने परिवार के पास लौट आई थी।
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित नाबालिग बच्ची को बुरी तरह मारा-पीटा गया था। जब बच्ची परिवार को सौंपी गई तो उसकी नाक टूटने के साथ ही जीभ और दाँत में भी चोटें थीं। आरोपित मेजर शैलेन्द्र यादव और उनकी पत्नी किम्मी राल्सन को हाफलोंग न्यायिक मजिस्ट्रेट की अतिरिक्त अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने आरोपितों की न्यायिक हिरासत का आदेश दिया। दीमा हसाओ पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हाफलोंग पीएस केस नंबर 74/2023 दर्ज किया गया। इसके तहत आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 326 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 374 (गैरकानूनी अनिवार्य श्रम), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के इरादे से उस पर हमला या उसकी के मर्जी के खिलाफ आपराधिक इरादे से बल का इस्तेमाल करना) की धाराएं लगाई गई।
इसके साथ ही आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 370 (किसी व्यक्ति को गुलाम के रूप में खरीदना या निपटान करना) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई लोगों का किए काम) भी आरोपितों पर लगी हैं। इसके आईपीसी के अलावा आरोपित दंपत्ति के खिलाफ एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के साथ ही यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) की धाराओं के तहत भी केस दर्ज है।
महिलाओं ने किया था प्रदर्शन
दिमा हासो के एसपी मयंक कुमार के मुताबिक, पीड़ित बच्ची मेजर शैलेन्द्र यादव के परिवार के साथ बीते दो साल से काम कर रही थी और इस दौरान उसे गंभीर शारीरिक यातनाएँ दी गई। एसपी कुमार ने आगे बताया कि बच्ची के बीमार पड़ने पर किम्मी ने उसे परिवार के हवाले कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, नाबालिग लड़की और उसके परिवार को केस दर्ज न करवाने के लिए भी धमकाया गया था। किसी ने नाबालिग बच्ची की हालत की पोस्ट सोशल मीडिया में डाल दिया। इस मामले में पुलिस ने स्वत:संज्ञान लेते हुए कपल को बुलाया और बाद में उन्हें नाबालिग बच्ची को यातना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान सोमवार 25 सितंबर को लोकल महिलाओं ने हाफलोंग थाने के बाहर आरोपित कपल के खिलाफ सख्त से सख्त सजा देने की माँग को लेकर प्रदर्शन किया था।