Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजसाबरमती जेल से गुजरात में भी एम्पायर खड़ा करने का अतीक अहमद ने बनाया...

साबरमती जेल से गुजरात में भी एम्पायर खड़ा करने का अतीक अहमद ने बनाया था प्लान, कपड़ा मिल की जमीन पर थी नजर: विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीट भी चुनी थी

अतीक अहमद बापूनगर स्थित कपड़ा मिल की जमीन खरीदना चाहता था। गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता था। इसके लिए उसने एक सीनियर नेता से बापूनगर सीट के लिए टिकट भी माँगी थी।

माफिया अतीक अहमद को लेकर लगभग हर रोज नया खुलासा हो रहा है। गुजरात के साबरमती जेल में रहने के दौरान अतीक फोन का इस्तेमाल किया करता था। उमेश पाल की हत्या की साजिश भी साबरमती जेल से ही रची गई थी। हत्या की साजिश के अलावा अतीक ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किन कामों के लिए किया, अब उसके बारे में भी जानकारी सामने आ रही है। पता चला है कि अतीक की नजर अहमदाबाद में एक जमीन पर थी। वह अपने साथियों संग अहमदाबाद में जमीन खरीदने की फिराक में था। इतना ही नहीं वह अहमदाबाद की एक सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहता था।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जून 2019 से साबरमती सेंट्रल जेल में बंद अतीक अहमद अलग-अलग मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करता था। सिम कार्ड उपलब्ध कराने और बदलने में बापूनगर के रहने वाले अल्ताफ पठान ने अतीक की काफी मदद की थी। दरअसल, अल्ताफ पुलिस का मुखबिर था और उसने एक बार AIMIM और दूसरी बार समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। यह वही अल्ताफ है, जिसने गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान वोटर्स से रोते हुए वोट देने की अपील की थी। उसका यह वीडियो खूब वायरल हुआ था। वह समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहा था।

अतीक अहमद का अहमदाबाद कनेक्शन सामने आने के साथ ही खुलासा हुआ है कि अतीक अहमद बापूनगर स्थित कपड़ा मिल की जमीन खरीदना चाहता था। इसके लिए अतीक ने अल्ताफ पठान, एक अज्ञात नेता और रियल स्टेट कारोबारियों के साथ बात की थी। दावा यह भी किया जा रहा है कि अतीक के एक अन्य गुर्गे मेहराज ने उसे जेल में ऐश-ओ-आराम की कई चीजें उपलब्ध कराई थीं।

रिपोर्टों के अनुसार अतीक अहमद गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता था। इसके लिए उसने एक सीनियर नेता से बापूनगर सीट के लिए टिकट भी माँगी थी। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अतीक और अशरफ की हत्या से पहले ही पठान दुबई भाग गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -