भारतीय कॉमेडी की एक अजीब धारणा यह बन गई है कि अधिकतर कॉमेडियन्स को यह लगता है कि उन्हें इसलिए नापसंद किया जाता है क्योंकि वे पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाते हैं। वहीं, जो लोग पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाए जाने वाली कॉमेडी से नाख़ुश होते हैं उन्हें ‘भक्त’ करार दिया जाता है। ऐसे में यह सलाह देना ज़रूरी बन जाता है कि कॉमेडियन्स को पीएम मोदी का मखौल उड़ाने की बजाए अपनी कॉमेडी के स्तर को सुधारना चाहिए। लेकिन, वो ऐसा नहीं करते बल्कि कॉमेडी के नाम पर अपनी कुत्सित सोच को उजागर करते रहते हैं।
ऐसा ही कुछ एक बुज़ुर्ग कॉमेडियन अतुल खत्री ने किया। अपनी कॉमेडी के चक्कर में, उन्होंने एक तरफ़ तो एक एसिड अटैक सर्वाइवर का मज़ाक उड़ाया और वहीं दूसरी तरफ़ वो एक और एसिड अटैक सर्वाइवर के जीवन पर आधारित फ़िल्म बनाने का समर्थन करते हैं।
कॉमेडियन अतुल खत्री ने ट्विटर यूज़र और भाजपा समर्थक अंकित जैन को यह कहकर अपनी कुत्सित सोच का खुला प्रदर्शन किया कि ABVP कार्यकर्ताओं को ‘रंगोली चांडाल’ से सहानुभूति मिलेगी। उनकी इतनी ही औकात है। यह जवाब बुज़ुर्ग कॉमेडियन ने अंकित जैन के उस सवाल पर किया, जहाँ उन्होंने दीपिका पादुकोण को लेकर लिखा था कि अगर वो सच में छात्रों के साथ हुई हिंसा के ख़िलाफ़ थीं, तो उन्हें ABVP के उन छात्रों से भी मुलाक़ात करनी चाहिए थी, जो JNU हिंसा में घायल हुए थे।
एक बात और ग़ौर करने वाली है कि बुज़ुर्ग खत्री बॉलीवुड अभिनेता कंगना रनौत की बहन ‘रंगोली चंदेल’ को ‘रंगोली चांडाल’ के रूप में संदर्भित कर रहे थे। उनकी यह सोच एसिड अटैक की पीड़िताओं के प्रति उनकी झूठी हमदर्दी का खुला प्रदर्शन करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि रंगोली ख़ुद भी एसिड अटैक की शिकार हो चुकी हैं। इसके अलावा, चांडाल शब्द लिखकर उन्होंने जातिवाद का ज़हर भी घोलने का काम किया है। एक तरफ़ एसिड अटैक सर्वाइवर का मज़ाक उड़ाया और दूसरी तरफ़ एक जातिगत शब्द का इस्तेमाल किया, जो निंदनीय है।
दरअसल, दीपिका पादुकोण मंगलवार शाम को अपनी आगामी फिल्म छपाक के प्रचार के लिए JNU में थीं। बता दें कि यह फ़िल्म एक एसिड अटैक सर्वाइवर के जीवन पर आधारित है।
दीपिका पादुकोण ने फ़िल्म में एसिड अटैक सर्वाइवर का महज़ किरदार निभाया जबकि रंगोली चंदेल पर हक़ीक़त में तेज़ाब से हमला हुआ था। उन्होंने वास्तव में उस दर्दनाक पीड़ा को सहा है। यह सब उन्हें इसलिए झेलना पड़ा क्योंकि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था जो उनसे शादी करना चाहता था। एसिड अटैक के बाद उन्हें 54 सर्जरी करवानी पड़ी। बावजूद इसके, डॉक्टर्स उनके कान का पुनर्निर्माण नहीं कर सके।
इस दौरान रंगोली चंदेल ने अपनी एक आँख भी खो दी थी और उनके एक स्तन को बहुत नुकसान पहुँचा था, जिसकी वजह से उन्हें अपने नवजात बच्चे को स्तनपान कराते समय कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। अपनी पीड़ा को बयाँ करते हुए उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में ट्वीट किया था, “अब भी मैं अपनी गर्दन को नहीं खींच पा रही हूँ, कभी-कभी त्वचा में खुजली इतनी भयंकर होती है कि ऐसा लगता है जैसे मैं मर गई हूँ… भारत में चौंकाने वाले एसिड अटैक सर्वाइवर्स की संख्या बहुत अधिक है, अपराधी कुछ ही हफ़्तों में ज़मानत पर बाहर आ गए, उन्हें इस तरह आज़ाद घूमते देखना बहुत पीड़ादायक होता है।”
कॉमेडियन अतुल खत्री ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स पर आधारित फ़िल्म का समर्थन करते हुए रंगोली चंदेल का मज़ाक उड़ाया, जो बेहद शर्मनाक है।
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