Friday, July 11, 2025
HomeराजनीतिJNU में दीपिका पादुकोण का जाना प्रचार की पैंतरेबाजी, पाकिस्तान ने थपथपाई पीठ

JNU में दीपिका पादुकोण का जाना प्रचार की पैंतरेबाजी, पाकिस्तान ने थपथपाई पीठ

जेएनयू पहुॅंची दीपिका की एक तस्वीर बीबीसी पंजाबी ने ट्वीट किया। साभार 'स्पाइस पीआर' को दिया। इससे साफ हो गया कि रैंडम क्लिक के नाम पर यह पीआर का ही हिस्सा है। बाद में पाकिस्तान की प्रशंसा ने इसे और पुख्ता कर दिया।

प्रदर्शनकारी वामपंथी छात्रों का समर्थन करने के लिए मंगलवार (7 जनवरी 2020) को दीपिका पादुकोण जेएनयू पहुँची। हालाँकि भीड़ में नज़र आई दीपिका ने इस दौरान सार्वजनिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इस मामले ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया। वामपंथी खेमा इसके लिए दीपिका पर फ़िदा हो गया। वहीं अधिकतर सोशल मीडिया यूजर्स इसे पीआर स्टंट करार दे रहे। ऐसा क्यों कहा गया? आइए जानें…

लोकतांत्रिक भारत में आम नागरिकों की तरह बॉलीवुड कलाकारों को भी अपनी राजनैतिक राय रखने और किसी एक विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता दिखाने का पूरा अधिकार है। लेकिन, ये भी सच है कि फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आते-आते कलाकार अपनी फिल्म प्रमोशन के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। जैसे शाहरुख खान ने अपनी रईस फिल्म का प्रमोशन करने के लिए मुंबई से दिल्ली आने वाली ट्रेन में सफर किया था। उसी तरह दीपिका ने भी अपनी नई फिल्म ‘छपाक’ के रिलीज से ठीक पहले ये स्टंट किया। वे जेएनयू में छात्रों पर हुई हिंसा के विरोध-प्रदर्शन में पहुँची। लेकिन यहाँ उन्होंने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान पीड़ित बच्चों से मिलकर पूरा मामला जानने-समझने की बजाए, जेएनयू अध्यक्ष आइशी घोष से और उनके दोस्तों से मिलना उचित समझा।

कुछ पाठक कह सकते हैं कि दीपिका की मंशा को सोशल मीडिया पर जानबूझकर पीआर स्टंट बताकर पेश किया जा रहा है। लेकिन, सच्चाई यही है। इसका खुलासा तब हुआ जब बीबीसी पंजाबी सोशल मीडिया पर प्रदर्शन में पहुँची दीपिका की एक फोटो अपने ट्वीट में डालता है। साभार ‘स्पाइस पीआर’ को देता है। इसके बाद साफ हो गया कि ये रैंडम क्लिक के नाम पर पीआर का हिस्सा है।

गौरतलब है कि दीपिका साल 2019 से स्पाइस पीआर की क्लाइंट हैं और साथ ही अपनी आने वाली फिल्म ‘छपाक’ की को-प्रोड्यूसर भी हैं। प्रदर्शन में पहुँचने के बाद इसका कन्हैया कुमार ने प्रचार भी किया।

साथ ही इस पीआर स्टंट के लिए दीपिका को सीमा पार से भी समर्थन मिला है। पाकिस्तान ने उनकी पीट थपथपाई है। पाकिस्तान आर्मी के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने खुद ट्वीट कर उनकी प्रशंसा की है।

आसिफ गफूर का ट्वीट

हालाँकि कुछ समय बाद ही गफूर ने अपना ये ट्वीट डिलीट कर दिया। मगर, इससे पहले साफ हो गया कि जेएनयू जाने के पीछे कोई वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं थी, बल्कि ये सिर्फ़ प्रचार-प्रसार की पैंतरेबाज़ी थी। इस पर दीपिका पादुकोण खरी उतरीं और अब लोग उन्हें ‘वुमेन ऑफ स्टील’ तक कह रहे हैं।

गौरतलब है कि दीपिका के इस कदम के पीछे छिपी मंशा का खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि दीपिका पादुकोण से नाराज होने की जरूरत नहीं हैं। वो आज तक जिसके साथ खड़ी दिखाई पड़ी, उसकी नैया डूब गई। पढ़िए ऐसा ही एक कमेंट;

सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज

पाकिस्तान से सराहना पाने वाली दीपिका पादुकोण के पसंदीदा नेता भी पड़ोसी मुल्क को खूब भाते हैं। ये हैं कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी। राहुल के बयानों का इस्तेमाल पाकिस्तान कई बार वैश्विक मंचों पर भारत को घेरने के लिए कर चुका है। 2010 में डीडी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में दीपिका ने राहुल गॉंधी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि राहुल जो देश के लिए कर रहे हैं वह नौजवानों के लिए क्लासिक उदाहरण है। इस इंटरव्यू में वह बीएसएनएल का एंबेसडर होने से खुद के हुए प्रचार का भी जिक्र करती हैं।

राहुल गॉंधी पर दीपिका के विचार सुने 6:59 से 7:49 के बीच

JNU में वामपंथी छात्रों का समर्थन करने पहुँचीं दीपिका पादुकोण, मुंबई का फ़िल्मी गैंग भी सड़क पर

AIIMS में भेदभाव, प्रियंका गाँधी के घायलों को दिए शॉल कॉन्ग्रेस समर्थकों ने लिए वापस: JNU की जख्मी छात्रा का दावा

JNU हिंसा के दो चेहरे: जानिए कौन हैं नकाबपोशों का नेतृत्व करने वाली आइशी घोष और गीता कुमारी

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अरुणाचल के CM ने चीन की कमजोर नस दबाई: जानिए क्यों कहा तिब्बत से लगती है हमारी सीमा, क्या ‘बफर स्टेट’ बना पड़ोसी बदल...

तिब्बत की अपनी अलग पहचान है और भारत का रिश्ता उसी से है, चीन से नहीं। ये बयान चीन की विस्तारवादी नीतियों पर सीधा हमला है।

‘छांगुर पीर’ भय-लालच से त्यागी को बनाता है वसीम अकरम, पंडित शंखधर के पास तीन तलाक से मुक्ति के लिए आती है शबनम: बिलबिलाओ...

छांगुर बाबा ने हिन्दुओं का इस्लाम में जबरन धर्मांतरण करवाया जबकि जबकि पंडित शंखधर ने स्वेच्छा से सनातन में आने वालों की घर वापसी करवाई।
- विज्ञापन -