प्री-मानसून की पहली बारिश में अयोध्या गलत कारणों से चर्चा में आ गया था। बारिश की वजह से अयोध्या में बना राम पथ कई जगहों पर धंस गया था और सड़कों पर गड्ढे बन गए थे। राम पथ के धँसने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी, जिसके बाद अब यूपी सरकार ने एक्शन शुरु कर दिया है। यूपी सरकार ने लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी और जल निगम के 6 इंजीनियरों-अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी सरकार ने पीडब्ल्यूडी के तीन इंजीनियरों अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल, सहायक अभियंता अनुज देशवाल और कनिष्ठ अभियंता प्रभात पाण्डेय को सस्पेंड कर दिया है, तो जल निगम के अधिशासी अभियंता आनंद कुमार दुबे, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार यादव और कनिष्ठ अभियंता मोहम्मद शाहिद पर भी गाज गिराई है। इन सभी इंजीनियरों-अधिकारियों को पद से हटा दिया गया है। जाँच के बाद रिपोर्ट आने के बाद इन पर और भी कठोर कदम उठाया जा सकता है।
अधिकारियों ने निर्माण कार्य की घटिया गुणवत्ता को इस ढहने का मुख्य कारण बताया है। घटना पर राज्य सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया में न केवल इंजीनियरों को निलंबित करना शामिल है, बल्कि सिविल कार्यों में शामिल गुजरात स्थित फर्म की जिम्मेदारियों की गहन जाँच भी शुरू करना शामिल है। फर्म को निर्माण चरणों के दौरान बनाए गए गुणवत्ता और मानकों के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस दिया गया है।
गौरतलब है कि अयोध्या में बारिश के बाद निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। सड़कों के धंस जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसके बाद विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की भी कोशिश की थी। उन्होंने अयोध्या में हुए विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे। बता दें कि अयोघ्या में अकेले सड़कों, सीवर लाइनों के निर्माण के लिए 600 करोड़ से भी अधिक धनराशि खर्च की गई थी, लेकिन पहली बारिश में कई जगहों पर सड़क के धंस जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद इन पैसों के बंदरबाँट के आरोप लगने लगे थे।