कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन लगातार अपनी कोशिशों में जुटा है, लेकिन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जुटे वॉरियर्स को कुछ लोगों के हमले का शिकार होना पड़ा है। ताजा मामला है बेंगलुरु के पदरायनपुरा इलाके का। रविवार (अप्रैल 19, 2020) की शाम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बीबीएमपी अधिकारियों की एक टीम पर कोरोना वायरस हॉटस्पॉट पदरायननपुरा इलाके में हिंसक भीड़ द्वारा बेरहमी से हमला किया गया। यह टीम कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले 58 लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए वहाँ पहुँची थी।
This Lady Firoza has been arrested for instigated the mob which led to violence at Padarayanapura, Bengaluru. pic.twitter.com/aHstAoeu08
— Wali ವಾಲಿ HMP (@NetajiBond) April 20, 2020
मामले में अब तक 59 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें फिरोजा नाम की एक महिला भी शामिल है, जिसे भीड़ को उकसाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्टों में कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए 100 से अधिक हिंसक उपद्रवियों की भीड़ इकट्ठी हुई थी।
इस पूरी घटना के बारे में प्रदेश के गृहमंत्री ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाए। मैंने अपने अधिकारियों को भी इस बाबत निर्देश दिया है। हम इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमने 59 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 5 FIR दर्ज की गई है। हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि अन्य लोगों को भी क्वारंटाइन किया जाए।”
#IndiaUnderLockdown: Cops arrest 54 people in #Padarayanapura violence. Security heightened in the area.#PadarayanapuraViolence #COVID19outbreak pic.twitter.com/SeBEu3tcyx
— NEWS9 (@NEWS9TWEETS) April 20, 2020
इस पूरी घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि लोग स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसवालों पर हमला कर रहे हैं। जिसमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग थे। ताजा जानकारी के अनुसार, पदरायनपुरा में हिंसा पूर्व नियोजित थी। टीवी 9 की एक रिपोर्ट बताती है कि भीड़ ने 4 टीमों में बँट कर इस वारदात को अंजाम दिया। पहली टीम को मुख्य सड़क पर हिंसा करते हुए देखा गया, जबकि दूसरी टीम चेक पोस्ट पर बर्बरता कर रही थी, वहीं तीसरी टीम पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रही थी और चौथी टीम सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचा रही थी।
Violence breaks out in Padarayanapura in Bengaluru as residents assault healthcare workers. ASHA workers had visited d hotspot to quarantine contacts of #COVID19 patients. Unruly mob refuses cooperation, causes unrest. @XpressBengaluru @santwana99 pic.twitter.com/gaurZeImd1
— Anusha Ravi Sood (@anusharavi10) April 19, 2020
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पदरायनपुरा इलाका बेंगलुरु के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक है, जहाँ अब तक 17 कोरोना पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 10 अप्रैल को पदरायनपुरा और मैसूरु रोड इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया था। इसे एक हॉटस्पॉट घोषित किया गया था और लॉकडाउन का पूर्ण रूप से पालन करवाने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए थे। हिंसक भीड़ ने बैरिकेड भी तोड़ दिए। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक तबलीगी जमात के दो सदस्य, जो दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से लौटे थे, कोरोना पॉजिटिव पाए गए और फिर उनके संपर्क में आने वाले 15 लोगों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था।
पहले भी हो चुके हैं स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले
गौरतलब है कि बंगलुरू में आशा वर्कर और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले बेंगलुरु के सादिक मोहल्ले में कोरोना संक्रमण के लक्षणों के बावत जाँच पड़ताल करने और नमूने लेने के लिए गई नर्स और आशा कार्यकर्ता पर मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था।