पटना में भोजपुरी लोकगायक व लेखक ब्रज किशोर दुबे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनका शव पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के केसरीनगर स्थित अंजना कालोनी के एक मकान के बाथरूम में मिला। उनका सिर पानी भरे टब में था और शरीर का आधा हिस्सा कुर्सी पर था। उनके दोनों पैर तीन से चार गमछों से बँधे थे। जिस मकान में ब्रज किशोर दुबे की लाश मिली है, वहाँ ब्रज किशोर अपने शिष्य रवींद्र कुमार मिश्रा के साथ ‘संगीताश्रम’ चलाते थे।
मकान किराए पर लिया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रज किशोर खुद अपनी पत्नी और बच्चों (एक बेटी और एक बेटा) के साथ दीघा के पोल्सन रोड स्थित एलएच मेंसन अपार्टमेंट के एक फ्लैट में रहते थे। लोकगायिका शारदा सिन्हा के कई चर्चित गीत भी ब्रज किशोर दुबे ने लिखे हैं।
रवींद्र से ली थी मकान की चाबी
बताया जा रहा है कि ब्रज किशोर दुबे ने एकांत में गीत लिखने की बात कह कर अपने शिष्य रवींद्र से मकान की चाबी ली थी। चाबी देने के बाद रवींद्र सोनपुर चले गए। शनिवार (12 नवंबर, 2022) को ही ब्रज किशोर रवींद्र के घर पहुँचे। हालाँकि, अगले दिन रविवार को ब्रज किशोर अपने घर लौटे और भोजन करने के बाद दोबारा अंजना कालोनी स्थित रवींद्र के किराए के मकान में पहुँचे। परिजनों के अनुसार, ब्रज किशोर से उनका अंतिम संपर्क रविवार की रात को हुआ था।
फोन पर हुई बातचीत के दौरान ब्रज किशोर दुबे ने घर न लौट पाने की बात कही थी। अगले दिन सुबह (सोमवार) परिवार वालों ने उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप मैसेज भेजा, जो सीन तो हुआ लेकिन प्रतिउत्तर नहीं मिला। थोड़ी देर बाद जब परिवार वालों ने कॉल किया तो कॉल भी किसी ने रिसीव नहीं किया और बाद में मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। बहुत देर तक जब उनका फोन नहीं आया और वह घर नहीं पहुँचे तो परिजनों ने शिष्य रवींद्र कुमार मिश्रा को फोन किया। उन्होंने कहा कि वो सोनपुर में हैं और आ रहे हैं।
इसके बाद परिवार के लोग रवींद्र कुमार मिश्रा के साथ उसी मकान में पहुँचे। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो दरवाजा तोड़ दिया गया। बाथरूम में उनकी लाश मिली।
परिवार वालों को हत्या की आशंका
ब्रज किशोर दुबे की मौत की सूचना मिलते ही डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) संजय कुमार और स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुँची। कमरे की तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट मिलने की बात भी कही जा रही है, जिसमें लिखा हुआ है – “मेरी मौत में रवींद्र कुमार मिश्रा का कोई हाथ नहीं है, मैं खुद से आत्महत्या कर रहा हूँ।” हालाँकि, परिवार वाले आत्महत्या वाली बात मानने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस के सामने हत्या की आशंका जाहिर की है और मामले की सीबीआई जाँच कराने की अपील की है।
ऐसा लग रहा है कि आत्महत्या की गई है। सुसाइड नोट भी मिली है। टीम जांच कर रही है, पोस्टमार्टम से स्पष्ट हो जाएगा। हर पहलू की जांच की जाएगी: राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता लोक संगीत लेखक ब्रज किशोर दुबे का अजंता कॉलोनी, केशरी नगर में शव मिलने पर संजय कुमार, डीएसपी, लॉ एंड ऑर्डर, पटना pic.twitter.com/SeAgIWFfXR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 14, 2022
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने गहनता से जाँच की बात कही है। डीएसपी ने जाँच के लिए एफएसएल की टीम भी बुलायी। टीम ने कमरे से गमछा, बाल्टी, सुसाइड नोट और मोबाइल को कब्जे में ले लिया है। कमरे के दीवारों और फर्श से भी सैंपल लिए गए हैं। डीएसपी संजय कुमार स्थानीय मीडिया को जानकारी दी कि मामले की हर पहलू से जाँच की जा रही है, शुरुआती इन्वेस्टीगेशन में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है। उन्होंने कहा कि तहकीकात पूरी होने के बाद ही पूरी जानकारी सामने आ सकेगी।
राष्ट्रपति द्वारा मिला था संगीत नाटक अकादमी सम्मान
ब्रज किशोर दुबे मूल रूप से रोहतास जिला के रहने वाले थे। जो परिवार के साथ दीघा के पोल्सन मोड स्थित एलएच मेंसन अपार्टमेंट में रह रहे थे। ब्रज किशोर लोक गायक होने के साथ ही गीत भी लिखा करते थे। उन्होंने ‘बिहारी बाबू’ और ‘माई’ जैसी कई भोजपुरी फिल्मों के लिए गीत भी लिखा था। ब्रज किशोर दुबे को लोक संगीत बिहार के क्षेत्र में योगदान के लिए 2017 में राष्ट्रपति द्वारा संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। ब्रज किशोर भोजपुरी अकादमी में सहायक निदेशक पद पर भी रहे।