नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) एवं राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में आयोजित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बिहार बंद के दौरान शनिवार (दिसंबर 21, 2019) को राज्य में कई जगह भारी हिंसा हुई। सबसे बड़ी घटना पटना के फुलवारीशरीफ में हुई, जहाँ दो गुटों के बीच भिड़ंत के दौरान जमकर पथराव हुआ। इस दौरान हुई फायरिंग में 11 लोगों को गोली लगी, जबकि एक को छुरा भी मारा गया। घटना के दौरान पथराव में आधा दर्जन पुलिसकर्मियों सहित दो दर्जन लोग घायल हो गए।
इसके साथ ही उपद्रवियों ने फुलवारीशरीफ के एक मंदिर में भी तोड़-फोड़ और आगजनी की। जानकारी के मुताबिक, बंद के समर्थन में निकला जुलूस टमटम पड़ाव के पास धार्मिक स्थल से गुजर रहा था। इस जुलूस में उपद्रवी और असामाजिक तत्व भी मौजूद थे। सभी टमटम पड़ाव पर पहुँचने के बाद संगतपर मोहल्ले से आगे बढ़ने पर अड़ गए। लेकिन संगतपर निवासियों ने जुलूस का रास्ता रोक लिया था। पुलिस ने भी उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद विवाद बढ़ गया और जुलूस में शामिल उपद्रवियों ने धार्मिक स्थल में तोड-फ़ोड़ करनी शुरू कर दी और फिर आगजनी भी की। इससे विवाद ने और विकराल रूप ले लिया। दोनों गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी और फायरिंग हुई।
बता दें कि बंद की पूर्व संध्या पर शुक्रवार (दिसंबर 20, 2019) को आरजेडी की ओर से राजधानी पटना समेत सभी जिलों, प्रखंडों एवं कस्बों में मशाल जुलूस निकाले गए। बंद को लेकर आरजेडी नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर उसने आरजेडी समर्थकों को नुकसान पहुँचाया तो अंजाम बुरा होगा, लेकिन बंद के दौरान आरजेडी कार्यकर्ता ही जगह-जगह हिंसा पर उतर गए। महागठबंधन के सहयोगी दलों एवं वाम दलों ने भी आरजेडी के बंद का समर्थन किया। उपद्रवी तत्वों ने मीडियाकर्मियों को भी नहीं छोड़ा। इस दौरान ‘लालू यादव जिंदाबाद’, ‘नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद’ और ‘दिल्ली पुलिस हाय-हाय’ के नारे भी लगे।