26 जुलाई 2020 को बिहार के बेगूसराय जिले से एक नाबालिग लड़की का अपहरण किया गया था। फिलहाल लड़की को अपराधियों की गिरफ़्त से आज़ाद करा लिया गया है। इस मामले के मुख्य आरोपित इज़मुल खान उर्फ़ नज़मुल/आर्यन भी गिरफ़्तार किया जा चुका है। स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने इस घटना का वीडियो साझा किया है।
Izmul Khan, accused in Bihar minor girl’s kidnapping case, arrested today (in blue shirt) https://t.co/XZMS2kNJ8N pic.twitter.com/2fQC3K5Jzg
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) August 20, 2020
स्वाति गोयल ने कुछ ऐसे फेसबुक पोस्ट के बारे में भी जानकारी दी है जो इज़मुल/नज़मुल ने अपने फेसबुक एकाउंट से साझा किए थे। फेसबुक पर उसने अपना नाम कैप्टन अमेरिका रखा हुआ है। कुछ स्थानीय लोग जो इस एकाउंट की गतिविधियों पर नज़र रख रहे थे। उन्होंने बताया कि अपहरण के बाद आरोपित इज़मुल ने नाबालिग लड़की का चित्र साझा किया था।
जिसमें लड़की के सिर पर सिंदूर लगा हुआ था और गले में माँ दुर्गा का लॉकेट था। अपहरण के बाद यह इज़मुल का पहला फेसबुक पोस्ट था। इतनी जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने वह फेसबुक पोस्ट दिनेश कुमार पंडित (लड़की के पिता) को दिखाई। जिस पर उन्होंने चिंता जाहिर की वह बस अपनी बेटी को ज़िंदा देखना चाहते हैं।
इसके बाद 20 अगस्त को जब स्वराज्य के पत्रकार ने दोबारा इज़मुल की फेसबुक प्रोफाइल खंगाली तब तक पोस्ट हटा दी गई थी। इसकी जगह पर एक और पोस्ट नज़र आया जिसमें कुछ ऐसी बातें लिखी हुई थीं, “आपके पास मुझसे लड़ने का अधिकार है लेकिन मुझे छोड़ कर जाने का अधिकार नहीं है।” इस फेसबुक पोस्ट पर कुल 3 टिप्पणी की गई थी। धरमबीर नाम के व्यक्ति ने लिखा था “घर आ जाओ तुम्हारी वजह से तुम्हारी माँ और भाई जेल में हैं। लड़की एक बार सुरक्षित घर चली जाए उसके बाद विवाद सुलझा लेंगे।” इसके अलावा आसिफ़ इक़बाल नाम के व्यक्ति ने लिखा “तुम्हारा परिवार तुम्हारी वजह से बहुत ज़्यादा परेशान है और जेल भी जा चुका है। घर आ जाओ और आत्मसमर्पण कर दो।”
इज़मुल उर्फ़ नज़मुल की फेसबुक टाइमलाइन पर और खंगालने पर अप्रैल महीने की दो पोस्ट नज़र आई। “सुन छोरी… पैसों का नहीं, **** होने का घमंड है।” दूसरी पोस्ट में लिखा था “न तो मेरी सरकार है और न ही सरकार में मेरा कोई संपर्क। मेरे पास कोई बड़ा नाम तक नहीं है। मुझे सिर्फ एक बात का गर्व है – मैं मु###न हूँ और मेरा धर्म इस्लाम है।” इसके बाद दिनेश ने कहा, उनके लिए यह पोस्ट राहत देने वाली थी क्योंकि उन्हें यह पता चला कि उनकी बेटी कम से कम ज़िंदा तो है।
बिहार पुलिस द्वारा लड़की की खोज होने के 2 दिन बाद (20 अगस्त 2020)। कैसे 19 अगस्त की शाम 7:30 बजे के आस-पास दिनेश कुमार पंडित के पास बेगूसराय के बछवारा पुलिस थाने से फोन आया। उन्हें जानकारी दी गई कि उनकी बेटी को पटना से बरामद किया गया है। उनके मुताबिक़ जिस युवक ने उनकी बेटी को बंधक बना कर रखा था (इज़मुल) उसकी उम्र 20 साल थी। इसके बाद दिनेश कुमार ने पुलिस के प्रति भी गुस्सा जताया कि फेसबुक पोस्ट सामने आने के बावजूद पुलिस को कोई लीड नहीं मिल रही थी।
ऑपइंडिया भी इस मामले पर बहुत करीब से निगरानी रख रहा था। कैसे डीएसपी ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि यह मामला अफ़ेयर का है और नाबालिक लड़की के पिता दिनेश से सबूत लेकर आने के लिए कहा था। दिनेश ने बेहद निराश होकर इस मुद्दे पर कहा था कि अपहरण करने वाला फेसबुक पर पोस्ट कर रहा था। इसके बावजूद पुलिस के हाथ कोई अहम सुराग नहीं लग रहा था। इसका मतलब साफ़ था कि पुलिस इस मामले पर कुछ नहीं कर रही थी।
इसके अलावा दिनेश ने कहा कि अपहरण के बाद वह अपनी बेटी से 19 अगस्त को पहली बार मिले। जहाँ उन्होंने अपनी बेटी से फेसबुक पर साझा की गई उसकी तस्वीर के बारे में पूछा। जिस पर लड़की ने बताया कि इज़मुल ने उस तरह तस्वीर खिंचवाने के लिए दबाव बनाया। दिनेश ने इस पर अनुमान लगाया कि तस्वीर के ज़रिए वह ऐसा दिखाना चाहता था कि उसका लक्ष्य धर्म परिवर्तन कराना नहीं था। वह सिर्फ लड़की की इज्ज़त खराब करना चाहता था जिससे उसका भविष्य बिगड़ जाए।
सारी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद जब दिनेश अपनी बेटी के साथ लौट रहे थे। तब वह अपनी माँ से लिपट कर लगातार रो रही थी। उसने बताया कि कई बार भागने की कोशिश की, वह मौके से भागने के लिए चीखती भी थी लेकिन कभी मौक़ा ही नहीं मिला। लड़की ने यह भी बताया कि उसे स्लीपिंग पिल भी दी जाती थी। फिलहाल लड़की की मेडिकल रिपोर्ट आना बाकी है जिससे इस बात की पुष्टि होगी कि उसके साथ शारीरिक उत्पीडन हुआ था या नहीं। आरोपित इज़मुल पर पॉस्को एक्ट समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
26 जुलाई को बेगूसराय, बछवारा पुलिस थाने के तहत आने वाले भीकन चक गाँव में रहने वाली नाबालिक हिंदू लड़की का बंदूक के बल पर अपहरण किया गया। अपहरण उस वक्त किया गया जब वह अपने पिता के साथ बाज़ार से लौट रही थी। लड़की के पिता दिनेश ने इस मामले में कुल 7 लोगों पर आरोप लगाया जिसमें इज़मुल और एक महिला भी शामिल थी। जैसे ही वह बेगूसराय स्थित मंसूरचक ब्लॉक के बहरमपुर, पंचायत भवन पहुँचे तभी आरोपित बोलेरो से आए और लड़की का अपहरण करके चले गए।