बिहार में पकड़ुआ विवाह की कुप्रथा अभी भी कई जगह देखने को मिल जाती है। ऐसे ही एक बहुचर्चित पकड़ुआ विवाह को पटना की फैमिली कोर्ट ने अवैध करार दिया है। फैमिली कोर्ट के फैसले से विनोद बेहद खुश हैं। मगर अभी भी उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं। बता दें कि, बोकारो के स्टील प्लांट में अधिकारी विनोद कुमार का 2017 में पकड़ुआ विवाह किया गया था।
विनोद अपने पकड़ुआ विवाह के दिन की घटना के बारे में बताते हुए कहते हैं, “मैं दिसंबर 2017 में अपने दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए पटना आया हुआ था। इसी दौरान सुरेंद्र यादव ने मुझे फोन करके घर पर बुलाया। इसके बाद उसने मेरे साथ मारपीट की और फिर बंदूक की नोक पर जबरदस्ती अपनी बहन से मेरी शादी करा दी।”
Vinod Kumar: ..a man, Surendra Yadav called me home, beat me up, threatened me & made me marry his sister at gunpoint. Police didn’t cooperate at all. Court’s order is a relief but those people are roaming around freely & are still threatening me. (27/07) pic.twitter.com/0QThlNbB2u
— ANI (@ANI) July 27, 2019
विनोद का आरोप है कि पुलिस ने उनका सहयोग नहीं किया। इस शादी के खिलाफ जब वो पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने गए, तो एफआईआर दर्ज करने की बजाय उन्हें 16 घंटे तक थाने में बैठाए रखा। फिर विनोद ने फैमिली कोर्ट पहुँचकर इस शादी को चुनौती दी और 7 जनवरी 2018 में पंडारक थाने में क्रिमिनल केस दर्ज कराया। इस पर फैमिली कोर्ट ने भी अब मुहर लगा दी है और इसे अवैध करार दिया है। कोर्ट के फैसले के बावजूद विनोद अभी काफी डरे हुए हैं। वो कहते हैं कि कोर्ट के इस फैसले से उन्हें राहत तो जरूर मिली है, लेकिन जबरन शादी करवाने वाले लोग अभी भी बाहर आजाद घूम रहे हैं। उन्हें धमकियाँ दे रहे हैं। ऐसे में वो बेहद डरे हुए हैं। हालाँकि, क्रिमिनल केस में अभी फैसला नहीं आया है।
बता दें कि, बिहार में एक जमाने में ऐसी शादी हजारों की संख्या में होती थी। जैसे ही लगन का शुभ मुहूर्त शुरू होता था, लड़की के माँ-बाप अच्छी नौकरी कर रहे या जमीन जायदाद से संपन्न लड़कों पर नज़रें टिकाए रहते थे और मौका देखते ही जबरन उसका अपहरण कर लेते थे और उसकी शादी करवा देते थे। फिर बाद में जब कानून व्यवस्था में सुधार हुआ और बहुत बड़ी संख्या में विवाहित महिलाओं को जब उनके ससुराल पक्ष के लोगों ने स्वीकार करने से मना कर दिया तो ऐसी घटनाओं में कमी आने लगी। वैसे, जबरन शादी के मामले में किसी कोर्ट का ऐसा फैसला हाल के समय में पहला है। पूर्व में सूबे के नवादा, लखीसराय समेत अन्य जिलों में कुल 1,097 केस इस तरह के हैं, जिसमें पकडुआ विवाह कराया गया।