Monday, December 23, 2024
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मधुबनी: रात में ताजिया निकालने की कोशिश, पुलिस ने रोका तो पथराव; महिला मुखिया के घर पर भी हमला

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। एसपी डाॅ. सत्य प्रकाश ने बताया कि इस बाबत जाँच रिपोर्ट माँगी गई है। जाँच के दौरान दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिहार के मधुबनी जिला में शनिवार (अगस्त 19, 2020) देर रात ताजिया निकालने की कोशिश की गई। पुलिस ने रोका तो जमकर बवाल हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तोड़फोड़ व पत्थरबाजी के साथ कई राउंड फायरिंग हुई। कई लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। राहगीरों पर भी पत्थर फेंके की बात सामने आ रही है। घटना रहिका की है।

रहिका थाना प्रभारी ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया कि ताजिया निकालने से मना करने पर लोग पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने प्रशासन की ओर से फायरिंग से इनकार किया है। इसके साथ ही उन्होंने किसी के जख्मी होने की खबर पर अनभिज्ञता जाहिर की।

थाना प्रभारी ने बताया कि रात करीब 10 बजे मधुबनी-रहिका मुख्य सड़क पर सप्ता नीम चौक के पास ताजिया जुलूस में शामिल लोग मुहर्रम खेल रहे थे, तभी पुलिस वहाँ पहुँची। कोरोना को लेकर गाइडलाइन का हवाला देते हुए पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो पत्थरबाजी शुरू हो गई। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। एसपी डाॅ. सत्य प्रकाश ने बताया कि इस बाबत जाँच रिपोर्ट माँगी गई है। जाँच के दौरान दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

ताजिया निकालने वाले लोगों ने न सिर्फ पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी की, बल्कि मुखिया पिंकी देवी के घर पर भी पथराव किया। उनके घर में घुस कर तोड़फोड़ की गई। इस दौरान उपद्रवियों ने पिंकी देवी के घर में रखी दो बाइक, कुर्सी सहित अन्य सामान क्षतिग्रस्त कर दिया।

सदर एसडीओ अभिषेक रंजन और सदर एसडीपीओ कामिनी बाला ने नियम के विरुद्ध जाकर मुहर्रम को लेकर सिफल, ताजिया व जुलूस निकालने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने लोगों से अपील की कि वो भीड़ का हिस्सा न बनें।

बता दें कि इससे पहले सीओ रामकुमार पासवान व थानाध्यक्ष अनिल कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अधिकारियों ने कहा था कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार मोहर्रम पर ताजिया जुलूस नहीं निकाले जाएँगे। कोरोना वायरस को लेकर पूरे राज्य में 6 सितंबर तक लॉकडाउन है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुहर्रम के मौके पर सभी लोग राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश का पालन करें। इन आदेशों का तोड़ने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और हैदराबाद में भी कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर मुहर्रम पर जुलूस निकालने की घटना सामने आई थी। पीलीभीत में इसके बाद 53 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

इसी तरह हैदराबाद में भी लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए मुहर्रम का जुलूस निकाला गया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियाँ तो उड़ाई ही गई, साथ ही किसी ने मास्क पहनना भी उचित नहीं समझा। हाई कोर्ट के आदेश को ताक पर रखते हुए सैकड़ों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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