Tuesday, November 5, 2024
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पटना आतंकी केस में तीसरा आरोपित मारगुव अहमद दानिश गिरफ्तार, ‘गजवा-ए-हिन्द’ से है जुड़ाव, भारत को इस्लामी मुल्क बनाने की थी साजिश

एसएसपी ने कहा कि ये व्हाट्सएप ग्रुप कश्मीर से संबंधित आतंकवाद समर्थक पोस्ट के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी कंटेंट को बाँट रहे थे।

देश को तोड़ने वाली गतिविधियों में शामिल होने के मामले में 2 आरोपितों को गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार (15 जुलाई 2022) को बिहार पुलिस ने खुलासा किया कि बिहार आतंकी मॉड्यूल मामले में पटना में एक और आरोपित मारगुव अहमद दानिश उर्फ ​​ताहिर को गिरफ्तार किया गया था। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपित फुलवारीशरीफ का रहने वाला है और गजवा-ए-हिंद समूह से जुड़ा था।

एसएसपी एमएस ढिल्लों के मुताबिक, ताहिर ने 2006 से 2020 तक दुबई में काम किया था। उन्होंने कहा, “हमने फोन नंबर को इंटरसेप्ट किया तो उसमें राष्ट्र विरोधी कंटेंट पाए गए। गिरफ्तार व्यक्ति ने 2 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे। इनमें से एक पाकिस्तान से बनाया गया था और उसे इसका एडमिन बनाया गया था। इसमें खाड़ी देशों के कई लोग थे। दूसरा ग्रुप इसी साल जनवरी में बनाया गया था, जिसमें बांग्लादेशी लोग थे।”

मामले को लेकर आगे जानकारी देते हुए एसएसपी ने कहा कि ये व्हाट्सएप ग्रुप कश्मीर से संबंधित आतंकवाद समर्थक पोस्ट के साथ-साथ राष्ट्र विरोधी कंटेंट को बाँट रहे थे। ढिल्लों का कहना था, “उनकी 2023 में सीधे जिहाद में शामिल होने की योजना थी।” पुलिस अधिकारी ने कहा कि कल पुलिस ने एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, जिसने 12 जुलाई को पीएम मोदी के दोरे के वक्त हमले की योजना बनाई थी।

एएनआई के ट्विटर का स्क्रीनशॉट

पुलिस ने मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज नाम के आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों ने मंगलवार को पटना में पीएम मोदी के कार्यक्रम में हिंसा फैलाने के लिए लगभग 26 लोगों को प्रशिक्षित किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 जुलाई को जिस टेरर मॉड्यूल का खुलासा किया था, उसमें शामिल दोनों आऱोपितों में से एक झारखंड का पूर्व पुलिस अधिकारी है। जबकि अतहर परवेज है सिमी का सदस्य रह चुका है और फिलहाल पीएफआई और उसकी राजनीतिक शाखा एसडीपीआई का सदस्य है।

रिपोर्टों में उल्लेख किया गया है कि दो आरोपी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज ने लगभग 26 लोगों को आतंकी मिशन के लिए प्रशिक्षित किया था और उन्हें बंदूकें, तलवार और चाकू का इस्तेमाल करना सिखाया था। बिहार पुलिस ने जाँच के दौरान यह भी पाया कि परवेज कई विदेशी संगठनों के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में था और भारत को तोड़ने वाली गतिविधियों को चलाने के लिए फंडिंग की माँग कर रहा था। पीएम मोदी के दौरे से 15 दिन पहले फुलवारी शरीफ में संदिग्ध आतंकी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई थी। मामले में 26 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

दरअसल, 11 जुलाई को पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई के दौरान भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए ‘इंडिया विजन 2047’ नाम के दस्तावेज तैयार किए गए थे। इसे छापे के दौरान बिहार पुलिस ने 11 जुलाई को बरामद किया था। इसमें डरपोक बहसंख्यक समुदाय (हिन्दू) को काबू में करने और अपने गौरव को फिर से पास करने की बात कही गई है। पुलिस के अनुसार, इन आपत्तिजनक दस्तावेजों में ‘भारत में इस्लाम के शासन’ के बारे में बात की गई है। कुमार ने ‘इंडिया विजन 2047’ नामक आठ पेज के लंबे पेपर के एक अंश का हवाला देते हुए कहा, “पीएफआई को यकीन है कि भले ही पूरी मुस्लिम आबादी का 10% इसके पीछे इकट्ठा हो जाए पीएफआई डरपोक बहुसंख्यक समुदाय पर जीत हासिल कर अपने गौरव को वापस लेगा।”

गौरतलब है कि पटना में भारत विरोधी गतिविधियों की योजना बनाने के आरोप में पुलिस ने अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज और मारगुव अहमद दानिश उर्फ ​​ताहिर नाम के तीन इस्लामवादियों को गिरफ्तार किया है। हालाँकि 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए व्यापक छापेमारी शुरू कर दी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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