Tuesday, November 19, 2024
Homeदेश-समाजकोलकाता में दुर्गा पूजा पंडाल को जूतों से सजाने पर BJP-VHP ने जताई आपत्ति,...

कोलकाता में दुर्गा पूजा पंडाल को जूतों से सजाने पर BJP-VHP ने जताई आपत्ति, आयोजकों ने कहा- किसान आंदोलन के थीम पर बना है पंडाल

मेघालय के पूर्व राज्यपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत रॉय ने पत्रकारों से कहा है कि कला की आजादी के नाम पर सब कुछ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह देवी दुर्गा का अपमान और हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है।

कोलकाता के दमदम इलाके के एक दुर्गा पूजा पंडाल की सजावट जूतों-चप्पलों से की गई है। पंडाल की इस सजावट को लेकर बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद ने कड़ा ऐतराज जताया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव से मामले में दखल देने व इसे हटवाने का आग्रह किया है।

शुभेंदु अधिकारी ने आपत्ति जताते हुए इसे हिंदू आस्था का अपमान कहा और राज्य के मुख्य और गृह सचिव से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर षष्ठी से पहले जूता-चप्पल को हटाने की माँग की। उन्होंने पंडाल में सजाई गई जूता और चप्पल की तस्वीर शनिवार (अक्टूबर 9, 2021) को ट्विटर पर डाली थी। 

ट्वीट में लिखा है, “दमदम पार्क में पूजा पंडाल को जूतों से सजाया गया है। ‘कलात्मक स्वतंत्रता’ के नाम पर माँ दुर्गा का अपमान करने का यह जघन्य कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं मुख्य और गृह सचिव से आग्रह करता हूँ कि वे हस्तक्षेप करें और आयोजकों को षष्ठी से पहले जूते हटाने के लिए विवश करें।”

शुभेंदु अधिकारी की तरह ही मेघालय के पूर्व राज्यपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता तथागत रॉय ने पत्रकारों से कहा है कि कला की आजादी के नाम पर सब कुछ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह देवी दुर्गा का अपमान और हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला है।

वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने भी बंगाल के गृह सचिव को पत्र लिख पंडाल से जूते हटवाने की माँग की है। वीएचपी ने लिखा, “हम आपसे आग्रह करते हैं कि तुरंत पंडाल से जूते हटवाने के लिए उचित कदम उठाएँ। जब तक पूजा स्थल से इन आपत्तिजनक जूतों को नहीं हटाया जाता, तब तक बंगाली हिंदुओं की धार्मिक भावनाएँ शांत नहीं होंगी। मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि सांप्रदायिक सद्भाव खत्म करने और बंगाली हिंदुओं का अपमान करने वाले इन उपद्रवियों के खिलाफ मजबूती से कदम उठाएँ।”

इधर दमदम पार्क भारत चक्र समिति के एक पदाधिकारी ने अपनी ओर से स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि जूते पंडाल से दूर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा, “इस साल हमारी थीम किसान आंदोलन है। इसके अनुसार, पंडाल जाने के रास्ते पर जूते लगाए गए हैं जो आंदोलनरत किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के एक दृश्य का प्रतीक हैं।”

इसके अलावा दमदम पार्क भारत चक्र क्लब पूजा के आयोजकों ने पंडाल के रास्ते में ट्रैक्टर की प्रतिकृति रखकर ‘किसानों के आंदोलन’ को दर्शाया है। ट्रैक्टर के दो हिस्से हैं, जिन पर आंदोलन में मारे गए किसानों के नाम लिखे हैं। इसके साथ ही एक पोस्टर में अंग्रेजी में लिखा है, “हम किसान हैं। आतंकवादी नहीं। किसान अन्न सैनिक हैं।” क्लब के सचिव प्रतीक चौधरी ने कहा कि उनकी थीम किसानों की दुर्दशा और उन संघर्षों के इर्द-गिर्द है, जिनका सामना उन्होंने 1946 में अविभाजित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा आयोजित ऐतिहासिक आंदोलन तेभागा के बाद से किया है। उउनका कहना है कि इस पंडाल में उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा की कहानी भी दिखाने की कोशिश की है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बीजेपी को बदनाम करने के चक्कर में एक-दूसरे की पतलून उतार रहे कॉन्ग्रेस विधायक: एक ने कहा- कर्नाटक सरकार गिराने को ₹100 करोड़ का...

मांड्या से कॉन्ग्रेस विधायक रविकुमार गनिगा ने कहा कि बीजेपी ने सरकार गिराने के लिए कॉन्ग्रेस विधायकों को ₹100 करोड़ का ऑफर दिया।

The साबरमती Report: जरूर देखने के 7 कारण, 7 कारण इग्नोर करने के… और विवाद वाले 3 सीन

मारे गए 59 लोगों में से 41 का नाम ही अभी तक सार्वजनिक। अगर चाहते हैं कि बाकी 18 लोग अज्ञात बन कर न रह जाएँ - तो देखिए The साबरमती Report

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -