भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनकी मौत फाँसी के फंदे पर लटकने से हुई है। कोलकाता के कमांड अस्पताल द्वारा यह पोस्टमॉर्टम किया गया है। कलकत्ता हाई कोर्ट को मंगलवार (10 मई ,2022) को यह रिपोर्ट सौंपी गई। रिपोर्ट के अनुसार, अर्जुन की गर्दन पर फाँसी के फंदे के निशान मिले हैं।
हाई कोर्ट ने इस घटना के बाद डिफेंस मेडिकल फेसिलिटी, ईस्टर्न कमांड अस्पताल में शव के पोस्टमार्टम का आदेश दिया था। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत की गई।
अर्जुन चौरसिया का शव शुक्रवार (6 मई, 2022) सुबह कोलकाता के काशीपुर में स्थित घोष बागान इलाके में एक सुनसान इमारत के अंदर लटका हुआ मिला था। भाजपा का आरोप है कि उनकी हत्या सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस ने की थी। एक अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था कि ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि मौत से पहले उनका किसी के साथ झगड़ा हुआ होगा।
मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे के बीच कोलकाता में भाजपा कार्यकर्ता का शव मिला था। मृतक अर्जुन भारतीय जनता पार्टी युवा मंडल मोर्चा के वाइस प्रेसिडेंट थे। अमित शाह (Amit Shah) अपने दो दिवसीय दौरे के बीच मृत पाए गए अर्जुन चौरसिया के काशीपुर स्थित घर गए थे और उनके परिजनों से भी मिले। उन्होंने मामले में सीबीआई जाँच की बात भी कही। इस मामले में गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की है।
बंगाल बीजेपी नेता दिलीप घोष ने संदिग्ध परिस्थितियों में अर्जुन का शव मिलने के बाद ट्विटर पर लिखा था, “अभिजीत सरकार के बाद, एक और युवा भाजपा कार्यकर्ता, 27 वर्षीय अर्जुन चौरसिया की TMC के राजनीतिक आतंकियों ने हत्या कर दी और कोलकाता में फाँसी पर लटका दिया। टीएमसी राजनीतिक हत्याओं की घिनौनी संस्कृति को आगे बढ़ाकर लोकतंत्र का गला घोंटने पर आमादा है।”
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता की हत्या का पहला मामला नहीं है। पिछले महीने अप्रैल में भी एक बीजेपी कार्यकर्ता का शव संदिग्ध स्थितियों में पेड़ से लटका मिला था। तब मृतक की पहचान पूर्ण चंद्र नाग के तौर पर हुई थी। वो मजदूरी कर अपना घर चलाते थे और बीरभूम जिले के मल्लारपुर कस्बे में 19 अप्रैल की सुबह अपने घर के बाहर वह पेड़ से लटके मिले थे। इससे पहले पूर्वी मिदनापुर में भी एक बीजेपी कार्यकर्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। बीजेपी कार्यकर्ता का नाम शंभु माइती था। डेरिया दिघी क्षेत्र के नंटू प्रधान कॉलेज के पास केलेघई नदी के समीप शंभू को कुछ लोगों ने घायल हालत में देखा था। शंभू के बदन में जगह-जगह घाव के निशान थे।