बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने हाल ही में एक संगीतकार के खिलाफ दायर बलात्कार के मामले को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि उसके साथ पहली बार यौन क्रियाकलाप के दौरान पीड़िता की सहमति नहीं थी, लेकिन बाद में यौन संबंध उसकी सहमति से हुए। कोर्ट ने इसे शादी का झूठा वादा करके संबंध बनाना नहीं माना। इसके बाद उसने दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी।
न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक और न्यायमूर्ति वाल्मीकि मेनेजेस की पीठ ने सामग्री की समीक्षा के बाद यह निर्णय दिया। कोर्ट ने पाया कि 32 वर्षीय नामी संगीतकार और 38 साल शिकायतकर्ता महिला के बीच संबंध सहमति से बने थे और ये संंबंध शादी के वादे पर आधारित नहीं थे, जैसा कि शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया है।
FIR को रद्द करते हुए खंडपीठ ने कहा, “हम पाते हैं कि भले ही शिकायत में लगाए गए आरोप और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री को उनके अंकित मूल्य पर लिया जाए, लेकिन धारा 164 के तहत बयान से जो पता चलता है वह यह है कि 08.01.2024 को शिकायतकर्ता याचिकाकर्ता के साथ रात के खाने के लिए बाहर गई थी और चूंकि देर हो चुकी थी, इसलिए शिकायतकर्ता याचिकाकर्ता के फ्लैट में रुकी थी।”
कोर्ट ने आगे कहा, “आधी रात को याचिकाकर्ता (संगीतकार) ने शिकायतकर्ता (महिला) के बेडरूम में गया और उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए। शिकायतकर्ता ने रोते हुए उससे पूछा कि उसने यह कृत्य क्यों किया, जबकि उसने उसे बताया कि वह उसके साथ अपनी पत्नी की तरह व्यवहार करता है और उसने उससे शादी करने का वादा किया था।”
हाई कोर्ट की पीठ ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए आगे कहा, “अगले दिन दोपहर के भोजन के बाद, याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता को घर छोड़ दिया। आरोपों से यह देखा गया है कि अभियोक्ता ने यौन संबंध के लिए सहमति नहीं दी थी। इस प्रकार कोई सहमति या शादी का वादा नहीं था।” इसके बावजूद कोर्ट ने पाया कि दोनों के बीच यौन संबंध आपसी सहमति से बने।
न्यायालय ने पाया कि पहला सामना गैर-सहमति से हुआ था, लेकिन बाद की यौन गतिविधि सहमति से हुई थी, क्योंकि शिकायतकर्ता ने स्वेच्छा से संबंध जारी रखा था। कोर्ट ने कहा, “शिकायतकर्ता के पास उस कृत्य से जुड़े परिणामों को समझने के लिए पर्याप्त ज्ञान और परिपक्वता थी, जिसके लिए वह सहमति दे रही थी। शिकायतकर्ता अपने संबंधों से जुड़ी जटिलताओं को समझने में सक्षम थी।”
कोर्ट ने कहा, “शिकायतकर्ता ने स्वेच्छा से याचिकाकर्ता के साथ शिकायत में और धारा 164 के बयानों में उल्लिखित स्थानों पर गई थी, जिसकी आयु 32 वर्ष थी। आरोप है कि याचिकाकर्ता ने उसे आश्वासन दिया था कि वह उससे शादी करेगा। पहले अवसर पर, शिकायतकर्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए। उसके बाद शिकायतकर्ता ने कई अवसरों पर स्वेच्छा से याचिकाकर्ता के साथ निकटता में रही, जिसके परिणामस्वरूप सहमति से शारीरिक संबंध बने।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने अपनी मर्जी से याचिकाकर्ता संगीतकार के साथ विभिन्न जगहों पर गई। उसने यह भी स्पष्ट किया कि उपलब्ध साक्ष्य आईपीसी की धारा 90 के तहत बलात्कार के आरोप के लिए मानदंड पूरे नहीं करते हैं। इसके बाद कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि साक्ष्य बलात्कार के दावे का समर्थन नहीं करते हैं और इस प्रकार एफआईआर और आरोपपत्र को रद्द कर दिया।
दरअसल, महिला ने संगीतकार पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए 25 जनवरी 2024 को पणजी की महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। दर्ज शिकायत के अनुसार, दोनों की मुलाकात पणजी स्थित आइनॉक्स में अक्टूबर में म्यूजिक फेस्ट में हुई थी। बाद में सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम के ज़रिए दोनों के बीच बातचीत होने लगी थी।
शिकायत के अनुसार, 7 जनवरी को संगीतकार ने महिला की दादी के सामने उससे शादी करने की अपनी मंशा जाहिर की। हालाँकि, महिला की दादी ने इसकी इजाजत नहीं दी। इसके बावजूद संगीतकार ने दादी से वादा किया कि वह महिला को प्यार करता है और उसे खुश रहेगा। उसने कहा कि अगर उसका परिवार इस शादी के लिए राजी नहीं होता है, तब भी वह शादी करेगा।
इसके अगले दिन यानी 8 जनवरी को संगीतकार महिला को डिनर पर ले गया। काफी देर होने के कारण उसने महिला को रात में अपने फ्लैट में ही रहने के लिए कहा। महिला जब ठहर गई तो संगीतकार ने आधी रात को उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए। जब शिकायतकर्ता परेशान हुई तो संगीतकार ने उसे आश्वासन दिया कि वह उससे शादी करेगा।
इसके बाद महिला और संगीतकार ने आपसी सहमति से महिला के रिश्तेदारों के घर, होटल आदि सहित विभिन्न जगहों पर कुल सात बार शारीरिक संबंध बनाए। हालाँकि, 19 जनवरी के बाद से महिला से दूरी बनानी शुरू कर दी। उसने महिला से कहा कि उसकी माँ इस रिश्ते को मंजूरी नहीं दे रही है। इसलिए वह उससे शादी नहीं कर सकता। इस बीच महिला को पता चला कि वह गर्भवती है। आखिरकार उसने संगीतकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया।