Saturday, December 21, 2024
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ये धरती मेरी माँ है… असली भैरों सिंह राठौड़ का निधन, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छुड़ाए थे छक्के: ‘बॉर्डर’ में सुनील शेट्टी ने निभाया था किरदार

इस दौरान भैरो सिंह के रेजिमेंट के एक जवान बलिदान हो गए थे, लेकिन भैरों सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और हल्की मशीनगन लेकर ही आगे बढ़ गए और पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान पहुँचाया।

‘ये धरती मेरी माँ है’ – 1997 में आई जेपी दत्ता की ‘ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर’ फिल्म ‘बॉर्डर’ का ये डायलॉग तो आपको याद ही होगा। इस डायलॉग को बोलने वाला किरदार भी आपके जेहन में होगा ही, जिसे सुनील शेट्टी ने निभाया था। उनका किरदार BSF के नाइक (रिटायर्ड) भैरों सिंह राठौड़ से प्रेरित था। सोमवार (19 दिसंबर, 2022) को 1971 में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले लोंगेवाला युद्ध के नायक भैरों सिंह राठौड़ का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

भैरों सिंह राठौड़ का जन्म जोधपुर में शेरगढ़ के सोलंकियातला गाँव में हुआ था। वह 1971 में जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट पर बीएसएफ (BSF) की 14 बटालियन में तैनात थे। भैरो सिंह ने युद्ध के समय अपने असाधारण शौर्य का परिचय दिया था और पाकिस्तानी सेना को पीछे जाने पर मजबूर कर दिया था। दरअसल, भारतीय सेना के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में पंजाब रेजिमेंट की कंपनी को लोंगेवला पोस्ट की रक्षा की जिम्मेदारी मिली थी। उनके साथ 120 जवान थे। इन्हीं जवानों में से एक भैरों सिंह राठौड़ भी थे। वह अपनी छोटी सी टुकड़ी के कमांडर थे। इन जवानों ने पाकिस्तान के टैंकों को ध्वस्त करते हुए कई दुश्मन सैनिकों को मार गिराया था।

5 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की ब्रिगेड ने टैंकों के साथ भारतीय पोस्ट पर हमला बोला दिया था। हालाँकि भारतीय सेना और बीएसएफ की जॉइंट टीम ने अदम्य साहस दिखाया और बिना भारी तोपों के ही पाकिस्तानी ब्रिगेड और टैंक रेजिमेंट को धूल चटा दी। इस दौरान भैरो सिंह के रेजिमेंट के एक जवान बलिदान हो गए थे, लेकिन भैरों सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और हल्की मशीनगन लेकर ही आगे बढ़ गए और पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान पहुँचाया।

भैरों सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बगैर दुश्मनों के छक्के छुड़ाए। यहाँ ये ध्यान दिलाना ज़रूरी है कि ‘बॉर्डर’ फिल्म में उन्हें बलिदानी दिखाया गया था, लेकिन वो युद्ध के बाद भी 51 वर्षों तक जीवित रहे। भैरो सिंह राठौड़ 1963 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे और साल 1987 में रिटायर्ड हुए थे। दरअसल वह बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, जहाँ उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्हें सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भैरों सिंह राठौड़ के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वो देशसेवा के लिए हमेशा याद रखे जाएँगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण समय में अदम्य साहस दिखाया। पीएम मोदी ने उनके निधन पर दुःख जताते हुए कहा कि वो इस कठिन क्षण में दिवंगत नाइक (रिटायर्ड) के परिवार के साथ हैं। वहीं सुनील शेट्टी ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पिछले कई वर्षों से भैरों सिंह राठौड़ स्थानीय युवकों को भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण देते हुए समय व्यतीत कर रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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