कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह पूर्वी मिदनापुर की एक मस्जिद पर नियंत्रण कर ले। पुलिस को आदेश दिया गया है कि वह मस्जिद में आने-जाने वाले नमाजियों पर नजर रखे और इसे नियमित करे। यह आदेश नमाजियों के दो गुटों के बीच में हुई लड़ाई के बाद दिया गया है। इस लड़ाई में एक की मौत हो गई थी।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (20 नवम्बर, 2024) को यह आदेश दिया। हाई कोर्ट ने यह आदेश एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में कहा गया था कि कि उसके पुराने आदेश की अवहेलना की गई है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 7 नवम्बर, 2024 को आदेश दिया था कि पूर्वी मिदनापुर के एगरा में स्थित एक मस्जिद में दो अलग-अलग नमाजियों के गुटों को अलग-अलग समय पर नमाज पढ़वाई जाए। हालाँकि, कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ। इसके बाद 13 नवम्बर, 2024 को दोनों गुटों के बीच भारी हिंसा हुई।
इस हिंसा में एक नमाजी की मौत हो गई जबकि 8 गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हिंसा के बाद पुलिस ने 3 FIR दर्ज की हैं। मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के बाद अदालत पहुँचे नमाजियों की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा पुलिस को मस्जिद में नियंत्रण का आदेश दिया।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा, “मस्जिद को पुलिस नियंत्रण में ले और यहाँ किसी की भी एंट्री एगरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक की मंजूरी के बगैर नहीं होगी।” कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि उसने यह निर्णय बड़ा सोच समझ कर लिया है।
हाई कोर्ट ने नमाजियों को चेतावनी दी है कि अगर फिर से हिंसा हुई और कोई मरा तो वह मस्जिद में किसी के भी नमाज पढ़ने पर रोक लगा देंगे। कोर्ट ने कहा कि ‘मजहबी मामले’ के कारण किसी की भी मौत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन से एक मीटिंग करने को भी कहा है।