नेशनल शूटर तारा शाहदेव से खुद को हिन्दू बता कर धोखे से शादी करने वाले रकीबुल हसन उर्फ रंजीत सिंह कोहली और उसके 4 साथियों पर शुक्रवार (जुलाई 26, 2019) को सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार गुड़िया की अदालत में आरोप तय किए गए। तारा ने आरोप लगाया था कि रकीबुल ने खुद को रंजीत बताकर उससे शादी की। शादी के बाद उसके साथ मारपीट होती थी और धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जाता था। बीते साल दोनों का तलाक हुआ था।
रकीबुल के उसकी माँ कौशल रानी, पूर्व जज पंकज श्रीवास्तव, गया सिविल कोर्ट के तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी राजेश प्रसाद और रोहित रमन (रकीबुल का दोस्त) पर आरोप तय किए गए हैं। पाँचों आरोपित अदालत में उपस्थित थे। न्यायाधीश ने आरोपितों को उनके खिलाफ लगे आरोपों को पढ़कर सुनाया। आरोपितों के खिलाफ अदालत ने आईपीसी की धारा 120 बी और 212 के तहत आरोप तय किए हैं। हालाँकि, आरोपितों ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया। जिसके बाद अदालत ने मामले में गवाही शुरू करने के लिए 23 अगस्त की तारीख निर्धारित की।
इस मामले में एक अन्य आरोपी सिपाही अजय कुमार अदालत में उपस्थित नहीं हुआ। अजय कुमार की ओर से अदालत में आवेदन दिया गया था कि उसने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दायर किया है। इस पर कभी भी सुनवाई हो सकती है, इसलिए उसे समय दिया जाए। मगर, अदालत ने अजय कुमार को समय नहीं दिया और उसकी फाइल अलग करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि, तारा शाहदेव ने 2014 में रंजीत कोहली (रकीबुल हसन) से शादी की थी। पुलिस को दिए बयान के अनुसार शादी के कुछ दिन बाद से ही उस पर अत्याचार होने लगे। तारा को कुछ दिन बाद पता चला कि उसके पति का नाम रंजीत सिंह नहीं है। तारा का आरोप है कि उसके साथ मारपीट होती थी और धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जाता था।
तारा शाहदेव ने साल 2014 में रकीबुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। साल 2015 में केस सीबीआई को सौंप दिया गया। 27 जून, 2018 को फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज बीके गौतम ने सहदेव की तलाक की अपील को मंजूरी दे दी। बीके गौतम ने सहदेव को इस आधार पर तलाक की मंजूरी दी कि उन्हें शादी के लिए झूठी जानकारी और उसके बाद घरेलू और शारीरिक हिंसा का शिकार होना पड़ा।