झारखंड के धनबाद में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में अब जाँच का जिम्मा सीबीआई ने ले लिया है। मंगलवार (03 अगस्त 2021) को झारखंड हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने राज्य सरकार की अनुशंसा पर न्यायधीश की मौत की जाँच करने के लिए CBI को आदेशित किया।
सत्र न्यायाधीश आनंद की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एसआईटी को घटना की जाँच करने और 03 अगस्त तक उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि उसके द्वारा लगातार निगरानी की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जाँच एसआईटी ही करेगी या फिर किसी अन्य जाँच एजेंसी को इसमें शामिल किया जाएगा।
हालाँकि मंगलवार को ही सुनवाई के दौरान केंद्रीय जाँच एजेंसी (CBI) ने कोर्ट को सूचना दी कि उसे झारखंड राज्य सरकार के द्वारा मामले की जाँच के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। इसके बाद कोर्ट ने CBI को मामले की जाँच की अनुमति दे दी। इसके बाद CBI इस मामले में एफआईआर दर्ज करेगी और राज्य सरकार को मामले से सम्बंधित सभी दस्तावेज CBI को सौंपने होंगे। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को यह आदेशित किया है कि उसके द्वारा CBI का पूरा सहयोग किया जाए।
ज्ञात हो कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद, धनबाद में सुबह की सैर के लिए निकले थे तब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें टक्कर मारी थी। घटना का वीडियो भी सामने आया था। इससे साफ था कि उन्हें जानबूझकर टक्कर मारी गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से उनके सिर पर किसी भारी चीज से वार करने का पता चला। यह बात भी सामने आई है कि जिस ऑटो से उन्हें टक्कर मारी गई वह पाथरडीह की सुगनी देवी का है। सुगनी के अनुसार उसका ऑटो चोरी हो गया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से एक हफ्ते में रिपोर्ट माँगी थी। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद धनबाद के चर्चित रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे। कुछ दिन पहले ही उन्होंने यूपी के ईनामी शूटर अभिनव सिंह व अमन सिंह के गुंडे रवि ठाकुर व आनंद वर्मा की जमानत खारिज की थी। वह हजारीबाग के रहने वाले थे और 6 महीने पहले ही बोकारो से धनबाद आए थे।