छत्तीसगढ़ में 1250 लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की है। महासमुंद के कटांगपाली गाँव में मंगलवार (22 मार्च 2022) को आयोजित विश्व कल्याण महायज्ञ में इनलोगों ने घर वापसी की। महायज्ञ का आयोजन आर्य प्रतिनिधि समाज की ओर से किया गया था। बीजेपी के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने ईसाई मिशनरियों के शिकार हुए इनलोगों के गंगाजल से चरण पखार कर मूल धर्म में वापसी करवाई।
इस दौरान जूदेव ने कहा कि जब तक धर्मांतरण के शिकार हुए हर व्यक्ति की सनातन धर्म में वापस नहीं होती है तब तक घर वापसी का अभियान लगातार चलता रहेगा। उन्होंने उपस्थित लोगों से हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराने वालों का विरोध करने की भी अपील की। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वामी देव नंद, आचार्य अंशुदेव आर्य, राजेन्द्र भाई साहब, नंदकुमार साय, पंडित ऋषिराज आर्य, पंडित पंकज भारद्वाज, रामचन्द्र अग्रवाल समेत अन्य लोग मौजूद थे।
छत्तीसगढ़ के कटांगपाली गाँव भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 1250 लोगों का गंगाजल से पाँव पखारकर ईसाई धर्म से सनातन धर्म में घर वापसी करवाई। कहा- जब तक आखिरी धर्मांतरित व्यक्ति पुनः सनातन संस्कृति से नहीं जुड़ता, निरंतर घरवापसी कार्यक्रम चलते रहेंगे। pic.twitter.com/lFKV2LLnWv
— rachna jha (@rachnajha23) March 23, 2022
गौरतलब है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के पत्थलगाँव के खूँटापानी में 400 परिवार के 1200 लोगों को हिंदू धर्म में वापसी की थी। प्रबल प्रताप सिंह ने उस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए कहा था कि हिंदुत्व की रक्षा करना उनके जीवन का एकमात्र संकल्प है। उन्होंने बताया था कि घर वापसी करने वाले अधिकांश परिवार बसना सराईपाली के थे। हिंदू धर्म में लौटने वाले परिवारों ने बताया था कि करीब 3 पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्मांतरण हुआ था। उस वक्त वे बेहद गरीब थे और मिशनरियों की ओर से कुछ आर्थिक मदद और बीमारियों में इलाज की सहायता मिलने का प्रलोभन मिलने के बाद धर्म परिवर्तन कर लिया था।
बता दें कि प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के पिता दिलीप सिंह जूदेव अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे। राजपरिवार से जुड़े दिलीप सिंह जूदेव ने ही चरण पखारकर उन आदिवासियों की मूल धर्म में वापसी करवाने का अभियान शुरू किया था जो ईसाई मिशनरियों के झाँसे में आ धर्म परिवर्तन कर लेते थे। अगस्त 2013 में उनके निधन के बाद से इस सिलसिले को उनके बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव आगे बढ़ा रहे हैं।
हाल ही में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा था, “पिता जी के दिवंगत होने के बाद से मैं इस कार्य को आगे बढ़ा रहा हूँ। छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में हमलोग 10 हजार से अधिक लोगों की इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए घर वापसी करवा चुके हैं। कोरोना महामारी के कारण बीच में करीब दो साल हमारा यह अभियान रुक गया था। अब फिर से हम इसे गति दे रहे हैं। यह पवित्र काम है। देश निर्माण का काम है। इसे मेरे पिता ने शुरू किया और इससे जुड़कर मैं बहुत गौरवान्वित हूँ।”