बिहार के बक्सर जिले में 12 साल पहले गायब हुए छवि मुसहर के पाकिस्तान की जेल में होने की जानकारी मिली है। छवि के परिजनों ने उन्हें मृत मान कर उनका अंतिम संस्कार भी दिया था और पत्नी ने दूसरी शादी कर उसके बच्चों को अपने साथ लेकर चली गई। छवि के जिंदा होने की खबर सुनकर परिजन खुश हैं और उसे भारत लाने की माँग कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छवि चौसा नगर पंचायत के खिलाफतपुर दलित बस्ती के निवासी हैं। घर वालों ने बताया कि एक दिन छवि अचानक ही घर से गायब हो गए। तब उनकी उम्र लगभग 20 वर्ष थी। उनकी दिमागी हालत भी ठीक नहीं थी। पहले भी वो घर से कहीं जाकर वापस आ चुके थे, लेकिन अंतिम बार उसका कुछ पता नहीं चला। घर वालों को एक बार विश्वास ही नहीं हुआ कि जिन्हें वो मरा हुआ मान चुके थे वो जीवित है। वो इस बात से भी हैरान हैं कि छवि पाकिस्तान कैसे पहुँच गए। छवि की बुजुर्ग माँ वृति ने भी अपने बेटे से अपनी मृत्यु से पहले मिलने की इच्छा जताई है।
छवि के जिंदा होने और पाकिस्तान की जेल में बंद होने की बात तब सामने आई, जब विदेश मंत्रालय से थाना मुफस्सिल में पहचान के लिए कागजात आए। इसके बाद पुलिस ने छवि के घर वालों से सम्पर्क किया। मुफस्सिल थाना प्रभारी अमित कुमार के मुताबिक, युवक की पहचान के लिए आए कागज़ातों की शिनाख्त छवि के घर वालों ने कर ली है। छवि पाकिस्तान की जेल में कब से है या क्यों है, इसकी जानकारी संबंधित विभाग ही दे पाएगा। जिले के पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर अधीनस्थ अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को भेज दी है।
छवि की रिहाई की माँग को लेकर बिहार के एक सामाजिक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। जनशक्ति नाम के संगठन ने चिट्ठी में लिखा है कि छवि मुसहर की मानसिक हालत ठीक न होने के चलते वह भटक कर पाकिस्तान चले गए। वहाँ उन्हें यातना दी जा रही है। इसलिए उन्हें वापस लाया जाए।