पंजाब के लुधियाना कोर्ट परिसर में गुरुवार (23 दिसंबर) को हुए RDX बम ब्लास्ट मामले में तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं। इसको लेकर पुलिस जाँच में कई खुलासे हुए हैं। पता चला है कि ब्लास्ट की साजिश पंजाब की लुधियाना स्थित सेंट्रल जेल में रची गई थी। इसमें इसका सहयोग कुख्यात तस्कर रंजीत सिंह बाबा उर्फ चीता और सुखविंदर सिंह उर्फ बॉक्सर ने सहयोग किया था।
बम को ऐक्टिवेट करने के दौरान मारा पंजाब पुलिस का पूर्व कर्मचारी गगनदीप सिंह तस्करी के मामले में इन दोनों के साथ लुधियाना सेंट्रल जेल में बंद था। जेल में रहने के दौरान गगनदीप का दोनों के साथ मेलजोल बढ़ गया। इस दौरान दोनों ने गगनदीप को बड़े सपने दिखाने शुरू कर दिए और पाकिस्तान स्थित खालिस्तान के अपने हैंडलरों के बारे में बताया।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चीता ने पाकिस्तान में बैठे तस्कर हरविंदर सिंह रिंदा से बात कराई थी। जेल में बैठे आरोपियों ने सितंबर में जमानत पर बाहर आए गगनदीप को पैसे का लालच देकर उसे योजना के अंजाम देने के लिए मना लिया। गगनदीप जेल से बाहर आने के बाद भी फोन के जरिए चीता के संपर्क में रहता था।
चीता ने गगनदीप को कोर्ट में ब्लास्ट करने की योजना के बारे में गगनदीप को बताया था। उसने गगनदीप को यह भी बताया कि ब्लास्ट करने के लिए सामान कहाँ से लेना है और ब्लास्ट कैसे, कहाँ और कितने बजे करना है। यही नहीं, चीता ही रिंदा के संपर्क में रहता था और रिंदा उसे बताता था कि ड्रग्स कहाँ से लेना है और कहाँ सप्लाई करना है।
रंजीत सिंह उर्फ चीता अमृतसर के गांव करिंडा का रहने वाला है। वह नशा तस्करी के आरोप में पिछले काफी समय से जेल में बंद था। वहीं, इस मामले का दूसरा साजिशकर्ता 39 वर्षीय सुखविंदर सिंह उर्फ बॉक्सर राणा खुर्द गाँव का रहने वाला है। खन्ना पुलिस ने तीन साल पहले उसे आरडीएक्स के एक मामले में गिरफ्तार किया था। वह तब से ही जेल में बंद है।
ब्लास्ट में मारे गए गगनदीप सिंह को 24 अगस्त 2019 को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार किया था। आरोपी से पूछताछ के दौरान उसके दो और साथियों को गिरफ्तार किया गया था। जमानत की अपनी याचिका में गगनदीप ने तर्क दिया था कि वह पिछले दो साल से जेल में बंद है, इसलिए देश में चल रहे कोविड के माहौल और उसके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उसे जमानत दी जाए। इसके बाद उसे सितंबर में जमानत दे दी गई थी।
जाँच एजेेंसियों ने जेल में जाकर दोनों से पूछताछ की है। इसके अलावा, उसके साथ बैरक में बंद अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की जा रही है। जाँचकर्ता पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि दो सालों तक जेल में बंद रहने के दौरान गगनदीप से जेल में कौन लोग और कितनी बार मिलने के लिए आए। इसके साथ साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि गगनदीप से कौन-कौन लोगों ने और किन-किन माध्यमों से संपर्क किया। इस मामले में पंजाब पुलिस के सीनियर अधिकारियों के साथ-साथ पंजाब और केंद्र की खुफिया एजेंसियाँ निगाह रख रही हैं।
आरोपी गगनदीप की पूर्व सहयोगी और उसकी कथित पुलिसकर्मी दोस्त कमलजीत कौर को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। घटनास्थल से मिले गगनदीप के कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि बम विस्फोट में मारे जाने से एक दिन पहले उसने कमलजीत कौर को आखिरी बार फोन किया था। उसने न तो अपनी पत्नी को और न ही परिवार के किसी अन्य सदस्य को फोन किया था। कमलजीत कौर फिलहाल एसपी ऑफिस में टाइपिस्ट के पद पर तैनात है। वह खन्ना सिटी थाने में 2015 से 2017 तक तैनात थी और इसी थाने में गगनदीप मुंशी था।