Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाज300 तिब्बतियों ने भी लोकसभा चुनाव में किया अपने मताधिकार का प्रयोग

300 तिब्बतियों ने भी लोकसभा चुनाव में किया अपने मताधिकार का प्रयोग

तिब्बत के निर्वासित राष्ट्रपति सांग्ये ने भारत को तिब्बतियों का दूसरा घर बताया और कहा कि जितना भारत और वहाँ के उदार लोगों ने तिब्बतियों के लिए किया है, उतना किसी भी देश ने नहीं किया।

लोकसभा चुनाव 2019 में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भारतीय जनता पार्टी लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने जा रही है। इस जीत पर विश्वभर के नेताओं ने पीएम मोदी को बधाई और शुभकामनाएँ दीं। श्री लंका, इस्राएल, भूटान, पुर्तगाल, चीन, अफगानिस्तान समेत कई देशों से बधाईयाँ आने के बाद अब तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने चुनाव में शानदार जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और NDA को बधाई दी है।

उन्होंने एक पत्र में लिखा है कि वो प्रार्थना करते हैं कि पीएम मोदी भारत के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने और आगे आने वाली चुनौतियों से निपटने में कामयाब हों। इसके साथ ही तिब्बतियों के लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित राष्ट्रपति लोबसांग सांग्ये ने भी पीएम मोदी और एनडीए को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं।

दलाई लामा 1959 से भारत में रह रहे हैं। पिछले 60 वर्षों से भारत में रह रहे दलाई लामा खुद को भारत में सबसे अधिक लंबे समय तक रहने वाले अतिथि मानते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 2014 में वोट डालने का अधिकार मिलने के बाद इस बार तकरीबन 300 तिब्बतियों ने धर्मशाला में मतदान किया। इस दौरान कई भिक्षुओं और महिलाओं को भी लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेते देखा गया। भारतीय नागरिकता और अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे तिब्बती समुदाय के एक जाने-माने चेहरे लोबसांग वांग्याल ने यहाँ के भागसू पोलिंग बूथ पर अपना वोट डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों ने तिब्बती शरणार्थियों के जीवन को प्रभावित किया है। उनका कहना है कि प्रत्येक पार्टी के बारे में तिब्बतियों के अपने विचार हैं और मतदाताओं ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर वोट डाला है। हालाँकि, इस दौरान कई तिब्बती कार्यकर्ताओं ने वोट डालने के कदम का विरोध करते हुए विभिन्न जगहों पर हंगामा भी किया।

दलाई लामा भारत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि भारत की उदारता और दयाशीलता की वजह से ही वो लोग निर्वासन के बावजूद अपनी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को बचा कर रख पाए। इसके साथ ही राष्ट्रपति सांग्ये ने भारत को तिब्बतियों का दूसरा घर बताया और कहा कि जितना भारत और वहाँ के उदार लोगों ने तिब्बतियों के लिए किया है, उतना किसी भी देश ने नहीं किया। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने साल 2018 में थैंक यू इंडिया कार्यक्रम का आयोजन कर भारत सरकार और यहाँ के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -