Tuesday, November 19, 2024
Homeदेश-समाजहिस्ट्रीशीटर फ़िरोज़ करता था पागलपन का नाटक, जब पहुँचा 'मेंटल वार्ड' तो खुल गई...

हिस्ट्रीशीटर फ़िरोज़ करता था पागलपन का नाटक, जब पहुँचा ‘मेंटल वार्ड’ तो खुल गई पोल

पुलिस ने बताया कि हर बार जब भी उसे हिरासत में लिया जाता था तो वो अजीब-अजीब हरकतें करता था। कभी वो अपने मुँह में ब्लेड दबा लेता था तो कभी खिड़की से कूद जाने की धमकी देता था। इन हरकतों से कोर्ट फिरोज की मानसिक हालत पर सहानुभूति दिखाती थी और उसके पक्ष में अपना फैसला देती थी।

एक हिस्ट्री शीटर अपराधी की उल-जुलूल हरकतों से परेशान होकर पुलिस ने उसे सबक सिखाने के लिए दिमागी रूप से बीमार लोगों के अस्पताल में भेज दिया। कमाल की बात ये हुई कि पुलिस की तरकीब काम कर गई और दोषी ने 24 घंटों के अंदर ही वहाँ से बाहर आने के लिए स्वीकार कर लिया कि वो ऐसी हरकतें इसलिए करता था ताकि पुलिस की हिरासत से छूट सके।

पुणे मिरर में प्रकाशित खबर के मुताबिक फिरोज़ मकबूल खान उर्फ़ बबली नामक यह व्यक्ति नानापीठ का रहने वाला है। 46 वर्ष की आयु में इस व्यक्ति पर मारपीट और संपत्ति अपराध के 49 मामले दर्ज हैं। साथ ही ये व्यक्ति आर्म्स एक्ट और आईपीसी धारा 392 और 506(2) के तहत गिरफ्तार भी हो चुका है। जानकारी के मुताबिक 8 जून को फिरोज ने एक सिगरेट बेचने वाले से मारपीट की क्योंकि दुकानदार ने उसे मुफ्त में सिगरेट देने से मना कर दिया था। इस घटना के बाद दुकानदार आरीफ़ रमजान तंबोली ने अगले दिन शिकायत दर्ज करवाई और क्राइम ब्रांच पुलिस ने फिरोज को उसके घर से 14 जून को गिरफ्तार किया।

इसके बाद पुलिस जैसे ही उसे थाने लेकर आई तो फिरोज ने वहाँ अपने नाटक शुरू कर दिए और पागलों जैसी हरकतें करने लगा। पुलिस ने उसे लश्कर थाने में बंद किया, लेकिन वहाँ भी उसके नखरे कम नहीं हुए। 15 जून को 1:30 बजे खान को ससून जनरल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। फिरोज़ ने यहाँ भी अपना नाटक बंद नहीं किया। फिरोज़ के इन हरकतों को देखकर डॉक्टर और पुलिस ने तय किया कि उसे वार्ड नंबर 26 में भेजा जाएगा जो दिमागी रूप से बीमार लोगों का वार्ड था।

इस फैसले के बाद 24 घंटों के भीतर ही फिरोज अपने असली रूप में आ गया। वार्ड में मरीजों की हालत देखकर उसने वहाँ खाना और दवाई लेने से मना कर दिया। उसे डर था कहीं वाकई में उसकी दिमागी हालत पर फर्क न पड़ जाए। उसने तुरंत डॉक्टर और जाँच अधिकारी को बुलवाया और उसे वहाँ से बाहर ले जाने की भीख माँगने लगा। उसे लग रहा था कि उसे जल्द ही यरवदा के पागलखाने भेज दिया जाएगा। लेकिन सच्चाई बताने के बाद भी डॉक्टरों ने फैसला किया कि आगे की जाँच के लिए उसे तीन दिन तक अस्पताल में रखा जाएगा। जाँच पूरी होने के बाद 18 जून को उसे कोर्ट में हाजिर किया गया जहाँ ससून के डॉक्टर ने फ़िरोज़ को मानसिक रूप से स्वस्थ करार दिया। इसके बाद उसे दो दिन की पुलिस कस्टडी में रखा गया।

इस तरह फिरोज के खेल में पुलिस ने बड़ी समझदारी से उसे हराया। पुलिस ने बताया कि हर बार जब भी उसे हिरासत में लिया जाता था तो वो अजीब-अजीब हरकतें करता था। कभी वो अपने मुँह में ब्लेड दबा लेता था तो कभी खिड़की से कूद जाने की धमकी देता था। इन हरकतों से कोर्ट फिरोज की मानसिक हालत पर सहानुभूति दिखाती थी और उसके पक्ष में अपना फैसला देती थी। आरोपित ने खुद स्वीकारा कि वो दिमागी रूप से बीमार नहीं है, वो ऐसी हरकतें इसलिए करता था ताकि वो पुलिस से बच सके।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -