Saturday, November 2, 2024
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पोस्टमॉर्टम से भी नहीं सुलझी दिल्ली में 9 साल की बच्ची की मौत का रहस्य: राहुल गाँधी पर पहचान सार्वजनिक करने का आरोप

राहुल गाँधी ने ट्विटर पर बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर भी साझा की। बीजेपी ने उन पर पीड़ित की पहचान उजागर करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की माँग की है।

दिल्ली के ओल्ड नांगल में 9 साल की एक बच्ची की संदेहास्पद हालत में मौत हो गई। आरोप है कि श्मशान घाट के भीतर रेप करने के बाद बच्ची को जला दिया गया। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही बताया है कि पोस्टमॉर्टम से भी मौत की वजह से पर्दा नहीं उठ पाया है।

गिरफ्तार लोगों में से एक राधेश्याम को मीडिया रिपोर्टों में श्मशान घाट का पुजारी बताया जा रहा है। वहीं तीन अन्य आरोपित सलीम, लक्ष्मीनारायण और कुलदीप श्मशान घाट के कर्मचारी बताए जा रहे हैं। इन पर हत्या, बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376 और 506 के तहत यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम और SC/ ST एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया है कि मृत बच्ची के परिवार ने यौन उत्पीड़न के बाद हत्या का संदेह व्यक्त किया है। आरोपितों ने कथित तौर पर बच्ची की माँ को बताया कि उसकी मौत करंट लगने से हुई। आरोप है कि इन्होंने आननफानन में बच्ची के शव को जला दिया। परिवार को यह कहकर पुलिस को जानकारी देने से रोका कि ऐसा करने पर शव का पोस्टमॉर्टम होगा। चीरफाड़ कर बच्ची के बॉडी पार्ट्स निकाल लिए जाएँगे। 

दिल्ली पुलिस के मुताबिक बच्ची रविवार (1 अगस्त 2021) को शाम के तकरीबन 5.30 बजे के करीब वाटर कूलर से पानी भरने गई थी। आधे घंटे बाद श्मशान के पुजारी के साथ दो-तीन और लोग आए और बच्ची की माँ को बताया कि उसे कुछ हो गया है। लड़की के होंठ नीले पड़े हुए थे और हाथ मे जले का निशान था। उन लोगों ने बताया कि बच्ची की करंट लगने से मौत हुई है।

इस बीच दिल्ली साउथ वेस्ट के DCP इंगित प्रताप सिंह ने बताया है, “बच्ची के शरीर के बचे अंगों का पोस्टमॉर्टम किया गया। डॉक्टरों के बोर्ड ने बताया है कि शरीर के​ जितने अंग हैं उनसे मौत के कारण का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। अवशेषों को हम परिवार को सौंप देंगे।”

मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली पुलिस से विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट माँगी है। एनसीपीसीआर ने कहा, ‘‘मामले में जाँच कर यह सुनिश्चित करें कि पीड़िता की पहचान उजागर ना हो और 48 घंटे के भीतर संबंधित दस्तावेजों के साथ मामले की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।’’

दूसरी तरफ इस घटना का सियासी फायदा उठाने की भी कोशिशें हो रही है। इसी कोशिश में कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी विवादों में घिर गए हैं। राहुल गाँधी बुधवार (अगस्त 4, 2021) सुबह पीड़ित परिवार से मुलाकात करने पहुँचे। इसके बाद कहा, “माता-पिता के आँसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं- उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हक़दार है और इस न्याय के रास्ते पर मैं उनके साथ हूँ।”

राहुल गाँधी ने ट्विटर पर बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर भी साझा की। बीजेपी ने उन पर पीड़ित की पहचान उजागर करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की माँग की है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि राहुल गाँधी ने अपने ट्वीट में पीड़िता के परिजनों का चेहरा सार्वजनिक किया है, जो पोक्सो एक्ट की धारा 23 जुवेनाइल जस्टिस केयर के तहत चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 74 का उल्लंघन है। दूसरी ओर सोशल मीडिया में राजस्थान की घटनाओं को संज्ञान में लाकर लोग राहुल गाँधी से सवाल कर रहे हैं कि कॉन्ग्रेस शासित प्रदेश के मामलों पर वे चुप्पी क्यों साध लेते हैं।

वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी बुधवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “बच्ची के परिवार से मिला, उनका दर्द बाँटा। परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देंगे। मामले की मजिस्ट्रेट जाँच होगी। दोषियों को सजा दिलवाने के लिए बड़े वकील लगाएँगे। केंद्र सरकार दिल्ली में क़ानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कड़े कदम उठाए। हम पूरा सहयोग करेंगे।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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