23 साल का अंकित सक्सेना आपको याद है? वही अंकित सक्सेना जिनकी फरवरी 2018 में हुए दिल्ली के रघुबीर नगर इलाके में निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस घटना के तीन साल बाद अंकित के पिता भी चल बसे। अब इसी मोहल्ले के अपने घर में उनकी माँ दो तस्वीरों (बेटे और पति की) के सहारे अपनी जिंदगी काट रही हैं। हर समय सीसीटीवी पर नजर बनी रहती है कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए।
इस मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने पिछले दिनों अकबर अली, सलीम और शहनाज को दोषी करार दिया था। इनको 15 जनवरी 2024 को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में एक नाबालिग बाल सुधार गृह में है। अकबर और शहनाज उस शहजादी के अम्मी-अब्बा हैं, जिसके साथ कथित प्रेम संबंधों के कारण फोटोग्राफर अंकित सक्सेना की सरेराह गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। वहीं एक अन्य दोषी सलीम, शहजादी का मामा है।
रघुबीर नगर के उस घर तक पिछले दिनों आज तक की रिपोर्टर पहुँची थी, जिसमें रहने वाली महिला (अंकित सक्सेना की माँ) का जीवन दो तस्वीरों के सहारे चल रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रिपोर्टर जब संकरी सीढ़ियों से होते हुए इस घर की ड्राइंगरूम में पहुँचती है तो सामने ही अंकित की मुस्कुराती हुई बड़ी सी तस्वीर नजर आती है। इसके ठीक बगल में उनके पिता की तस्वीर लगी थी, जिनका निधन कोविड काल में हो गया था। पास ही में सीसीटीवी स्क्रीन लगी हुई थी। अंकित के एक रिश्तेदार ने बताया, “अकेली रहती हैं। मामला पेचीदा है। पास ही माइनोरिटी बस्ती है। हर कोई इन्हें जानता है। हमने ही जिद कर कैमरा लगवा दिया। बाकी पड़ोसी तो हैं ही। कोई खटका हुआ तो देख लेंगे।”
जब 1 फरवरी 2018 (जिस रात अंकित सक्सेना की हत्या हुई) को हुई घटना के बारे में रिपोर्टर पूछती है तो अंकित की माँ कमलेश बताती हैं कि रात के करीब आठ बजे थे। काम से लौटकर अंकित घर आता है। बैग रहकर बाहर चला जाता है। वह खाने की तैयारियों में लगी थीं। इसी समय एक लड़का दौड़ते हुए उनके घर आता है और बताता है कि गली में अंकित की कुछ लोगों से लड़ाई हो गई हैं। अपनी इकलौती संतान को खो चुकी माँ बताती हैं, “मैं भागती हुई नीचे गई तो देखा कि हमारे पुराने पड़ोसी गाली-गलौज कर रहे थे। चिल्ला रहे थे कि बता, हमारी बेटी को कहाँ छिपा रखा है। मेरा बेटा लगातार बोले जा रहा था- आंटी मुझे शहजादी का नहीं पता। आप पुलिस को बुलवा लीजिए। मैं यहीं खड़ा रहूँगा।”
अंकित की माँ के अनुसार जब उन्होंने बीच-बचाव की कोशिश की तो शहजादी की अम्मी उन पर टूट पड़ी। गाली देते हुए मारपीट करने लगी। वह कहती हैं, “अंकित मुझे बचाने आया तो लड़की के भाई और मामा ने उसके हाथ पकड़ लिए। पीछे से उसके पापा आए। मेरे बेटे का बाल खींचकर उसकी गर्दन अपनी ओर झुकाई और चाकू (बकरा काटने वाला चाकू) से काट दिया। खच्च। एक ही झटके में। जैसे पूरी प्लानिंग करके आए हों।”
अंकित की माँ के अनुसार उन्हें अपने बेटे और शहजादी के रिश्ते के बारे में कुछ पता नहीं था। उन्होंने यह भी बताया कि अपने परिजनों को बचाने के लिए शहजादी कोर्ट में मुकर भी गई थी। उल्लेखनीय है कि कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने घटनाओं को सिलसिलेवार तरीके से सामने रखा और हत्या की प्लानिंग की पूरी जानकारी कोर्ट के सामने रखी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दायर चार्जशीट में यह स्पष्ट किया था कि हत्या पूर्व नियोजित थी। इस बात का भी पता चला कि लड़की का परिवार हिंदू लड़के से प्रेम करने के कारण उसके साथ सख़्ती से पेश आ रहा था। शहजादी का अब्बा कसाई का काम करता था और इस मामले में प्रयुक्त हथियार भी बरामद हो गया था।