दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के दौरान 24 फरवरी 2020 को भीड़ ने मौजपुर इलाके में पुलिस पर हमला किया था। इसी हमले में बलिदान हो गए थे दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल। 42 वर्ष की आयु में बलिदान हुए रतन लाल दिल्ली के बुराड़ी स्थित अमृत विहार में अपने परिवार के साथ रहते थे।
आज भी रतन लाल का परिवार अमृत विहार के उसी घर में रहता है। दो साल बाद जब हम इस परिवार से मिलने अमृत विहार पहुँचे तो घर के बाहर निर्माण कार्य चल रहा था। सड़कें खुदी हुई थी। ऊबड़-खाबड़ रास्ते से गुजर जब हमने दो कमरे के उस मकान में प्रवेश किया तो उसकी दीवारें बलिदानी रतन लाल के चित्रों से सजी हुईं थी। हमें बताया गया बच्चों ने अपने पिता की याद में ये बनाए हैं।
केजरीवाल ने नहीं पूरा किया नौकरी का वादा
बलिदानी रतन लाल की पत्नी पूनम ने ऑपइंडिया को बताया, “मैं नहीं चाहती कि उन पुराने दिनों को याद करूँ। बहुत मुश्किल से मैं उन घटनाओं की याद से उबरने का प्रयास कर रही हूँ। जैसे-तैसे अब मैंने अपने बच्चों के लिए खुद को सँभाला है। सरकार ने जो वादे किए थे उनमे से कई अब तक पूरे नहीं हुए हैं। दिल्ली सरकार से एक करोड़ रुपए दो हिस्सों में मिले। अन्य कई लोगों ने भी उस समय कई वादे किए थे जो पूरे नहीं हुए। बुराड़ी में इनके (रतन लाल) के नाम से सड़क पर गेट बनवाने को बोला गया था पर वो भी नहीं हुआ। केजरीवाल (दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल) ने भी शिक्षा के हिसाब से 1 महीने में नौकरी देने को कहा था। पर वो भी नहीं हुआ।”
दिल्ली पुलिस ने विपत्ति में दिया साथ
पूनम ने आगे बताया, “दिल्ली पुलिस ने बहुत मदद की है। नए DCP साहब संजय सिंह ने भी मेरी काफी मदद की है। DCP साहब ने इनके (रतन लाल) नाम से पिछले 15 अगस्त को मेडल भी निकाला है। इस मेडल को CP साहब (पुलिस कमिश्नर दिल्ली) ने भी अप्रूव कर दिया है। अब दिल्ली में पुलिस वालों को इनके नाम से मेडल दिए जाएँगे। ये जानकर ख़ुशी होती है। अभी उनके नाम को बहुत मान-सम्मान मिला है। लेकिन जो ‘शहीद’ का सर्टिफिकेट बोला गया था वो अभी तक नहीं मिला है। गैलेंट्री अवार्ड 15 अगस्त को तो दिया गया है, लेकिन उसके फायदे नहीं मिल रहे हैं। उसका अभी तक एप्रूवल नहीं हुआ है। फैमिली जैसे-तैसे चल रही है। घर का सदस्य चला जाता है तो पता ही है कि कैसे चलता है।”
बेटे को भी भेजेंगी दिल्ली पुलिस में
पूनम ने आगे बताया, “उनकी (रतन लाल) पेंशन से घर का खर्च चल रहा है। मैं कहीं नौकरी नहीं कर रही हूँ। घर पर रह कर बच्चों का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है मेरे लिए। दिल्ली पुलिस ने एक नौकरी दी है। उस नौकरी को मैंने अपने बेटे के लिए सुरक्षित रखी है। जब वो 18 साल का होगा तब भर्ती होगा। अभी बेटा 11 साल का है और कक्षा 5 में है। मेरी बड़ी बेटी क्लास 9, छोटी बेटी क्लास 7 में है।”
‘अभिनंदन ने इनके जैसी मूँछें रखी होंगी’
बलिदानी रतन लाल की मूँछे विंग कमांडर अभिनंदन जैसी होने की बात पर उनकी पत्नी पूनम ने बताया, “इनकी (रतन लाल) मूँछें अभिनंदन के पहले से थीं। इन्होने 2007 से ही मूँछें रख ली थीं। बनने में कुछ समय लगा भी था। ये कह सकते हैं कि अभिनंदन ने इनके जैसी मूँछें रखी होंगी।”
गोली वाली वीडियो डिलीट
पूनम ने बताया, “24 फ़रवरी 2020 को ही GTB अस्पताल में पता चल गया था कि उन्हें (रतन लाल) गोली लगी है। ये तमाम न्यूज़ में आ भी चुका था। वीडियो भी आई थी यूट्यूब पर। मेरी गलती थी कि मैंने उसे सेव नहीं किया। गोली लगने वाली वो सारी वीडियो यूट्यूब से गायब हो चुकीं हैं। मैंने काफी खोजा पर मुझे अब मिल नहीं रही।”
सरकार से पेंडिंग घोषणाएँ पूरी करने की मॉंग
पूनम ने ऑपइंडिया के माध्यम से सरकार से लंबित घोषणाओं को पूरा करने की माँग की है। उन्होंने कहा, “शुक्रगुजार हूँ कि मुझे जेपी नड्डा का प्रशस्ति पत्र आया। लेकिन उनके वादे अभी पूरे नहीं हुए। मैं 16 दिसंबर 2021 को अपनी माँगों को लेकर अमित शाह जी से मिली थी। तब उन्होंने मुझे माँगों के पूरा होने का आश्वासन दिया था। अभी तक शहीद के दर्जे का कोई लिखित सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। केंद्र सरकार ने भी ₹1cr (1 करोड़) के लिए कहा था। उसका अभी भी कुछ नहीं हुआ।”
राजस्थान के रहने वाले थे रतन लाल
रतन लाल साल 1998 बैच के सिपाही थे। हमले के समय वो ACP कार्यालय गोकुलपुरी में तैनात थे। मूल रूप से वो राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। उनके गाँव का नाम तिहावली है। उनका दिल्ली के बुराड़ी स्थित अमृत विहार में खुद का घर है। उसके 2 बेटियाँ और 1 बेटा है। तीनों बच्चे फिलहाल पढ़ाई कर रहे हैं।
देश के सिपाही शहीद रतन लाल को मार डाला
— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया 🇮🇳 (@gauravbh) March 5, 2020
बुर्के में महिलाओं ने जम कर पत्थर चलाये
पुलिस सख्त कार्यवाही करे और कृपया यह दलील न दी जाए कि मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है ना यह कि यह महिलायें हैं।
यह केवल और केवल अपराधी हैं।
इतनी मासूम भी नहीं हैं।#CAA #CAA_NRC_NPR pic.twitter.com/FwxXGE2Poa
24 फरवरी 2020 को दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके मौजपुर में भीड़ ने वहाँ तैनात पुलिसकर्मियों पर अचानक ही हमला कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक रतन लाल की मृत्यु गोली लगने से हुई थी। रतन लाल पर हुए हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया में काफी वायरल हुआ था।
ISIS से संबंधित दो लोगों को हमने पकड़ा। ये लोग ISIS से आने वाली सामग्री का भारतीय भाषा में अनुवाद कर नफरत फ़ैलाने का काम करते थे।
— Amit Shah (@AmitShah) March 12, 2020
साथ ही मैं बताना चाहता हूँ कि हमारे दोनों जाँबाज अफसर अंकित शर्मा और रतन लाल जी की हत्या करने वाले लोगों को भी हमने गिरफ्तार कर लिया है। pic.twitter.com/wVWsVlwLps
इस हमले में पुलिस ने सलीम मलिक उर्फ मुन्ना, मोहम्मद जलालुद्दीन उर्फ गुड्डू भाई, मोहम्मद अयूब, मोहम्मद यूनुस, आरिफ, मोहम्मद दानिश और मोहम्मद सलीम खान को गिरफ्तार किया था। चार्जशीट में कुल 17 आरोपित थे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 12 मार्च 2020 को संसद में जानकारी दी थी कि रतन लाल केस के सभी आरोपितों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।