मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। हालिया खुलासे में यह बात सामने आई है कि ‘मैडम CM’ नाम की एक किरदार अधिकारियों को निर्देश देती थीं और उस पर काम भी होता था। कहा जाता है कि ‘मैडम सीएम’ कोई और नहीं, बल्कि सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल है।
टाइम्स नाऊ नवभारत ने ‘ऑपरेशन शीशमहल’ के अपने हालिया एपिसोड में इसका खुलासा किया है। ‘ऑपरेशन शीशमहल पार्ट 7’ में चैनल ने कहा कि सीएम केजरीवाल के सरकारी बंगले के जीर्णोद्धार में दिल्ली सरकार के मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को निर्देश ‘मैडम CM’ देती थीं।
टाइम्स नाऊ नवभारत के अनुसार, ‘मैडम CM’ कोई और नहीं, बल्कि सीएम केजरीवाल की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल हैं। ये मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश देती थीं और उस पर अमल भी होता था। इसकी पुष्टि सामने आए दस्तावेज भी करते हैं। कहा जा रहा है कि सीएम हाउस के रेनोवेशन में 45 करोड़ नहीं, बल्कि 52 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
#NewsKiPathshala: सीएम केजरीवाल की पत्नी के कहने पर शीशमहल में कितने लाख रुपए का बढ़ा खर्च? समझिए..@SushantBSinha के साथ 'न्यूज की पाठशाला' में देखिए, शीशमहल पर खुलासे का चैप्टर#OperationRemoteControl #ArvindKejriwal pic.twitter.com/usiElwMeor
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) May 24, 2023
मीडिया हाउस के अनुसार, सीएम केजरीवाल के सरकारी बंगले के रिनोवेशन में 45 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की बात सामने आई है, लेकिन 45 करोड़ से कहीं ज्यादा के ‘पेपर’ सामने आए हैं। सामने आए पेपर में रेनोवेशन का खर्च भी बढ़ता हुआ प्रतीत हो रहा है। सीएम हाउस के रिनोवेशन का काम सुनियोजित था। हालाँकि, सीएम मैडम के कहने पर इसमें बदलाव किए गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, डेकोरेशन के दौरान सीएम मैडम की आवश्यकता के अनुसार कंसल्टेंट के द्वारा जमा की गई इंटिरियर्स की डिजाइन में बड़े बदलाव किए गए। सीएम मैडम के कहने पर जो बदलाव किए गए उनमें खिड़कियों एवं दरवाजों के मैटेरियल में बदलाव, इंटिरियर, किचन/लाउंड्री और पैंट्री में बदलाव, फ्लोरिंग आइटम में बदलाव, आर्किटेक्चर की ड्राइंग में स्ट्रक्चरल बदलाव शामिल हैं।
बता दें कि इसी चैनल ने खुलासा किया था कि सीएम केजरीवाल ने अपने मुख्यमंत्री आवास को डेकोरेट कराने में 45 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि खर्च की है। साल 2020 में जब दिल्ली की जनता कोरोना के कहर से कराह रही थी और मजदूर पैदल ही यूपी बिहार जैसे दूर-दराज के राज्यों के लिए प्रस्थान कर रहे थे, तब सीएम केजरीवाल सीएम हाउस चमका रहे थे।
टाइम्स नाउ नवभारत’ ने जानकारी दी थी कि CM आवास में 8-8 लाख रुपए के पर्दे लगाए गए। केवल पर्दों पर ही 1 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें से कुछ अभी लगने बाकी हैं और कुछ लगाए दिए गए हैं। शुरुआत में 8 पर्दे लगाए गए, जिनकी कीमत 45 लाख रुपए थी। दूसरे चरण में 15 पर्दों का ऑर्डर दिया गया, जो 51 लाख रुपए के थे।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री आवास में लगाने के लिए वियतनाम से मार्बल मँगाया गया। इसे ‘डियोर पर्ल मार्बल’ बोला जाता है, जो सुपीरियर क्वालिटी का होता है। इसकी कीमत 15 लाख रुपए होती है। साथ ही इसे लगाने के लिए भी अलग तरीके से फिटिंग की जाती है। AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल आंदोलन से निकले नेता हैं और कोई फकीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वो बँगला 1942 का बना है, वहाँ छत से पानी टपकती थी और बुजुर्गों को परेशानी होती थी।