दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा नौ अन्य आप नेताओं को नोटिस जारी किया है। मामला दिल्ली के मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश से कथित मारपीट से जुड़ा है। उन्होंने इस मामले में मजिस्ट्रेट अदालत में इनलोगों को बरी करने के फैसले को चुनौती दे रखी है।
पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की अपील पर राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इन नेताओं को नोटिस जारी किया है। अंशु प्रकाश की रिविजन पिटिशन पर कोर्ट ने नोटिस भेज कर जवाब माँगा है। इन सभी को 23 नवंबर तक नोटिस के जवाब देने हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी। अंशु प्रकाश ने केजरीवाल, सिसोदिया समेत अन्य को मारपीट के मामले में बरी करने पर सवाल उठाया था।
Special Judge Geetanjali Goyal has issued notice to Delhi CM Arvind Kejriwal and Dy CM Manish Sisodia and others and asked them to file a reply to the revision petition filed by Former Delhi Chief Secretary Anshu Prakash
— ANI (@ANI) November 1, 2021
अदालत ने केजरीवाल, सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के विधायक राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज गोविंद, राजेश गुप्ता, मदन लाल और दिनेश मोहनिया को नोटिस जारी किए हैं। अंशु प्रकाश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता कुमार वैभव ने कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत ने अपने अगस्त के आदेश में केजरीवाल और अन्य को आरोप मुक्त करने में गलती की है। साथ ही अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 सहित अतिरिक्त आरोप तय करने का भी अनुरोध किया।
गौरतलब है कि साल 2018 में अंशु प्रकाश से मारपीट और बदसलूकी मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के अलावा AAP के 11 विधायकों पर आरोप लगे थे। दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के विधायकों पर मुख्यमंत्री आवास में मारपीट का आरोप लगाया था। मामले में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी आरोपित बनाया गया था। बाद में 11 अगस्त को कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को छोड़कर सभी को बरी कर दिया था। कोर्ट ने AAP के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए थे।