2020 की शुरुआत में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के हिंदू विरोधी दंगों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद के खिलाफ गुरुवार ( 31 दिसंबर, 2020) को चार्जशीट दाखिल की। 100 पन्नों की चार्जशीट में उमर खालिद पर दंगे भड़ाकाने, दंगों की साजिश रचने, देश विरोधी भाषण देने और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
चार्जशीट में दंगों के मास्टमाइंड को लेकर कहा गया है कि 8 जनवरी को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की प्लानिंग के लिए एक मीटिंग की थी। दंगों को पूरे देश में भड़काने के लिए उमर खालिद ने कई राज्यों का दौरा किया भी किया था। इस दौरान उसने भड़काऊ भाषण देकर नागरिकता कानून के खिलाफ लोगों को दंगे के लिए उकसाया था।
चार्जशीट में लगाए गए आरोप के मुताबिक, उमर खालिद ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र के एंटी CAA प्रदर्शनों में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए थे। यह भी कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए आने-जाने और रुकने के लिए पैसों का इंतजाम प्रदर्शनों के कर्ताधर्ता करते थे।
क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में राहुल राय नाम के एक शख्स का भी जिक्र किया है। उस पर आरोप है कि उसने दंगों की साजिश रचने के लिए इन सभी आरोपितों का समर्थन किया था। राहुल राय ने दिल्ली सपोर्टर प्रोटेस्ट नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था जिसके जरिए दिल्ली हिंसा की साजिश रची गई थी और एंटी CAA प्रदर्शन की आड़ में हिन्दू विरोधी दंगों को अंजाम दिया गया।
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के ख़िलाफ UAPA के तहत 200 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी।
स्पेशल सेल द्वारा दायर चार्जशीट के मुताबिक, खालिद ने दूर से इन दंगों को कंट्रोल किया था, जिसके कारण 53 लोगों की जान चली गई। उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान इन दंगों को भड़काया, ताकि इस पूरे मामले को अंतरराष्ट्रीय कवरेज मिले और सीएए को लेकर सरकार पर दबाव बने।
वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से कड़कड़डूमा कोर्ट में तकरीबन 930 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई थी। 930 पेज की चार्जशीट में 197 पेज चार्जशीट है, तो 733 पेज में दस्तावेज हैं। इसमें कहा गया कि खालिद ने सीएए के संसद में पास होते ही अपनी जैसी मानसिकता वाले लोगों को बढ़ावा दिया। उसने जेएनयू के मुस्लिम स्टूडेंट ऑफ जेएनयू समूह को इमाम के जरिए प्रेरित किया और फिर इसी समूह का इस्तेमाल दक्षिणी दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए किया। उसी ने केंद्र सरकार से नफरत करने वाले विरोधियों को एक साथ जोड़ा, जिसकी वजह से दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप व्हाट्सएप पर तैयार हुआ था।