Monday, November 18, 2024
Homeदेश-समाजबेहोशी का इंजेक्शन लगाने पर यमन के नागरिक की हो गई मौत, भारतीय नर्स...

बेहोशी का इंजेक्शन लगाने पर यमन के नागरिक की हो गई मौत, भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को सजा-ए-मौत: बेटी को बचाने कोर्ट पहुँची माँ

दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत सरकार से कहा है कि वो नर्स निमिषा प्रिया की माँ के यमन जाने को लेकर मामले में फैसला एक सप्ताह के भीतर करे। निमिषा प्रिया की माँ ने हाईकोर्ट से कहा था कि वो सरकार को हस्तक्षेप करने के निर्देश दे। दरअसल, निमिषा पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है।

इस्लामी हिंसा से ग्रस्त यमन में मौत की सजा भुगत रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए उनकी माँ वहाँ जाना चाहती है, ताकि वो अपनी बेटी की जिंदगी के बदले ‘ब्लड मनी’ पर बातचीत करके उसका भुगतान कर सकें। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत सरकार से कहा कि निमिषा की माँ को वहाँ जाने के मामले में फैसला एक सप्ताह के भीतर करे।

चूँकि यमन की यात्रा पर अभी प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में निमिषा की माँ को यमन की यात्रा की अनुमति नहीं मिल पा रही है। इसके बाद पीड़ित नर्स की माँ ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और न्यायालय से गुहार लगाई कि उन्हें यमन जाने की अनुमति दी जाए और इसके लिए वह सरकार को निर्देश दे। इसको देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत सरकार से इस संबंध में त्वरित फैसला लेने के लिए कहा है।

निमिषा प्रिया की माँ की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस्लामी मुल्कों में प्रचलित ‘ब्लड मनी’ से संबंधित कोई भी निर्देश देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार निमिषा प्रिया की माँ को यमन भेजने के बारे में कोई रास्ता जल्द-से-जल्द निकाले। निमिषा की माँ अपनी बेटी यमन जाकर अपनी बेटी की जान के बदले मृतक के परिवार को मुआवजा देना चाहती हैं।

दरअसल, निमिषा प्रिया ने यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के कब्जे से अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसे नशीला इंजेक्शन लगा दिया था। इंजेक्शन के ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई थी। मौैत होने के बाद महदी के शव को टुकड़े-टुकड़े करके पानी की टंकी में डाल दिया गया था। इस काम में निमिषा की सहकर्मी और यमन की ही नागरिक हनान ने मदद की थी।

जानकारी के मुताबिक, निमिषा की माँ महदी के परिजनों से उसकी बेटी को माफ करने की अपील करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बेटी को बचाने का फिलहाल यही एक तरीका है कि वह ब्लड मनी दे। इससे पहले 13 नवंबर को यमन के सुप्रीम कोर्ट ने फाँसी की सजा के खिलाफ निमिषा की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद अब यमन के राष्ट्रपति के पास दया याचिका पड़ी है।

निमिषा शादीशुदा हैं। केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा अपने पति और बेटी के साथ पिछले लगभग एक दशक से यमन में काम कर रही थीं। इस बीच यमन में गृहयुद्ध शुरु हो गया तो उनका परिवार भारत आ गया था। हालाँकि, यमनी नागरिक द्वारा पासपोर्ट ले लेने के कारण निमिषा वापस नहीं लौट पाईं।

निमिषा प्रिया पर यमनी व्यक्ति की हत्या का आरोप

निमिषा प्रिया पर आरोप लगे थे कि उन्होंने साल 2017 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी को ड्रग्स का ओवरडोज दे दिया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। वहीं, निमिषा ने अपने बचाव में कहा था कि मृतक ने उनका पासपोर्ट छीन लिया था, जिसे वो वापस पाना चाहती थी। निमिषा ने दावा किया था कि उन्होंने महदी को बेहोशी की दवा दी थी। उसकी हत्या करने का इरादा नहीं था।

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में दावा किया गया महदी नर्स निमिषा को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करता था। इसको लेकर निमिषा ने पुलिस में शिकायत की। जेल से छुटने के बाद महदी ने निमिषा का पासपोर्ट अपने पास रख लिया। उसे पाने के लिए ही उसने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन उसकी मौत हो गई।

इस मामले में निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई थी। जानकारी के मुताबिक, 16 नवंबर 2023 को केंद्र के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि हाल ही में जारी अधिसूचना के तहत यमन के लिए यात्रा प्रतिबंध में ढील दी जा सकती है। इससे भारतीय नागरिकों को विशिष्ट कारणों और सीमित अवधि के लिए देश की यात्रा करने की अनुमति मिल सकती है।

क्या है ब्लड मनी

ब्लड मनी इस्लामी देशों में प्रचलित एक प्रथा है, जिसमें हत्या करने वाले व्यक्ति या उसके परिवार या रिश्तेदार को मृतक परिवार को क्षतिपूर्ति देकर झगड़े को खत्म किया जाता है। क्षतिपूर्ति की राशि पीड़ित परिवार के माँग पर निर्भर करती है। हालाँकि, दोनों परिवार इसके लिए नेगोशिएट कर सकते हैं। यह प्रथा कई और कबायली समूहों में भी पाई जाती है।

ब्लड मनी का उपयोग अक्सर हत्या, घायल होने या अन्य प्रकार के नुकसान के लिए भी किया जाता है। यमन में ब्लड मनी एक आम प्रथा है। यमन के कानून के तहत हत्या के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है, लेकिन अगर पीड़ित परिवार आरोपित परिवार से ब्लड मनी का लेने पर सहमत हो जाता है तो मौत की सजा को कम किया जा सकता है या रद्द किया जा सकता है।

निमिषा प्रिया के मामले में उनके परिवार का मानना है कि ब्लड मनी का भुगतान करके उन्हें मौत की सजा से बचाया जा सकता है। हालाँकि, ब्लड मनी का भुगतान करना हमेशा संभव नहीं होता है और यह हमेशा पीड़ित परिवार द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है। कई बार पीड़ित परिवार इतनी राशि माँग लेता है कि आरोपित परिवार के लिए देना संभव नहीं होता है।

ब्लड मनी की प्रथा के कई समर्थक हैं, जो तर्क देते हैं कि यह पीड़ित परिवारों को क्षतिपूर्ति प्रदान करने और अपराध को कम करने का एक तरीका है। हालाँकि, इस प्रथा के कई विरोधी भी हैं, जो तर्क देते हैं कि यह न्याय का एक रूप नहीं है और यह अपराधियों को दंड से बचने की अनुमति देता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -