Thursday, November 14, 2024
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राकेश टिकैत अड़े, ठुकराई ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर की अपील, कहा- 200-350 आंदोलनकारी संसद के बाहर हर रोज करेंगे प्रदर्शन

एसकेएम की टुकड़ियों में संसदीय विरोध की तैयारियाँ जोरों पर हैं। विभिन्न राज्यों के 200-350 किसान संसद के प्रत्येक कार्य दिवस पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए SKM ने एक कमेटी भी बनाई है।

गणतंत्र दिवस की घटना के बाद किसानों के संसद घेराव की घोषणा ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सिंघु बॉर्डर के पास किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। इस दौरान संसद भवन के पास प्रदर्शन टालने को लेकर काफी देर तक चर्चा की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने की भी पेशकश की, लेकिन किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार (18 जुलाई 2021) को बताया कि एसकेएम की नौ सदस्यीय समन्वय समिति ने दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट कमिश्नर से मुलाकात की। इस दौरान दिल्ली पुलिस को आश्वासन दिया गया कि आंदोलनारी किसानों की संसद को घेरने या जबरन घुसने की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा कि इसी बीच एसकेएम की टुकड़ियों में संसदीय विरोध की तैयारियाँ जोरों पर हैं। विभिन्न राज्यों के 200-350 किसान संसद के प्रत्येक कार्य दिवस पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए SKM ने एक कमेटी भी बनाई है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के साथ मिलने पहुँचे प्रतिनिधिमंडल में योगेंद्र यादव, दर्शन पाल सिंह, शिव कुमार कक्का समेत कई बड़े किसान नेता शामिल रहे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बैठक के बाद कहा, “दिल्ली पुलिस को हमने बताया है कि सिंघु बॉर्डर से हर दिन 200 लोग संसद तक मार्च करेंगे। इन सभी के पास पहचान का बैज होगा। हम सरकार को आंदोलनकारियों की सूची भी सौंपेंगे। हालाँकि, इस दौरान पुलिस ने हमसे आंदोलनकारियों की संख्या कम करने को कहा है, जिसके लिए हमने मना कर दिया।”

वहीं, केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दोनों किसान नेताओं ने बीते दिनों केंद्र के खिलाफ कई विवादित बयान दिए हैं। शुक्रवार (16 जुलाई 2021) को राकेश टिकैत ने कहा है, ”किसान तो वापस नहीं आएगा, किसान वहीं रहेगा। सरकार को बातचीत करनी चाहिए। 5 सितंबर को बड़ी पंचायत बुलाई है। आगे का जो भी निर्णय होगा, उसमें लेंगे।”

उन्होंने कहा, “सरकार के पास भी दो महीने का टाइम है। अपना फैसला सरकार भी कर ले, किसान भी कर लेंगे। जंग होगी देश में, ऐसा लग रहा है, युद्ध होगा।” टिकैत ने ये भी कहा कि किसान संसद भवन का रास्ता जानते हैं। 22 जुलाई से 200 लोग वहाँ जाएँगे। जब तक संसद चलेगी, तब तक हर रोज 200 लोग जाएँगे। अब जब भी किसान जाएगा, तो लाल किला नहीं संसद भवन ही जाएगा। डीटीसी बस से टिकट लेकर जाएगा।

दूसरी ओर किसान नेता और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा, ”सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करे अन्यथा नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे।”

गौरतलब है कि बीते दिनों राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार से कहा था कि किसान आंदोलन को या तो बातचीत से खत्म किया जाए या गोलियों से। टिकैत ने कहा था कि किसान बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन बिना किसी शर्त के।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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