फरवरी 2020 में हुए दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार (2 मई 2020) को चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद गहरी साजिशों को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व काउंसलर ताहिर हुसैन की इस पूरे मामले में भूमिका बेहद स्पष्ट है।
चार्जशीट में जिन लोगों की दंगों के पीछे मुख्य भूमिका बताई गई है, उनमें एक नाम जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद का भी है। साथ ही धुर वामपंथी संगठन पिंजड़ा तोड़ की जाफरबाद दंगों में भूमिका को लेकर भी चार्जशीट दायर की गई है।
इस रिपोर्ट में हम हर मामले के हालिया घटनाक्रमों पर गौर करेंगे।
ताहिर हुसैन ने की आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या की प्लानिंग
चार्जशीट के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा की हत्या के पीछे गहरी साजिश थी। इसके मुताबिक उन्हें ताहिर हुसैन की अगुवाई वाली भीड़ ने जान-बूझकर निशाना बनाया। चार्जशीट के अनुसार अंकित शर्मा की हत्या 25 फरवरी को पूर्व आप पार्षद के घर के बाहर खजूरी खास में की गई थी।
शर्मा की बॉडी पर डॉक्टरों को गहरे घाव के 51 निशान मिले। औएक गवाह ने पूरे घटनाक्रम का वीडियो अपने फोन में बनाया था जिसमें भीड़ नाले में शव फेंकती नजर आ रही है। अगली सुबह उनका शव बरामद किया गया था। हत्या में प्रयुक्त चाकू और खून से सने हत्यारों के कपड़े भी मिले थे।
चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में ताहिर हुसैन ने शेल कंपनियों को 1.1 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे, जो बाद में दंगों की तैयारी के लिए कैश के रूप में वापस ले लिए गए। जाँच में पाया गया कि ताहिर हुसैन ने मीनू फेब्रिकेशन और एसपी फाइनेंशियल सर्विसेज के खातों में 92 लाख रुपए, शो इम्पैक्ट प्राइवेट लिमिटेड को 20 लाख रुपए और युधवी इम्पेक्स को 20 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।
जहॉं तक सिमी के पूर्व नेता के बेटे उमर खालिद की भूमिका का सवाल है तो चार्जशीट बताती है कि उसने आप के पूर्व काउसंलर से कहा था, “ट्रम्प की यात्रा के समय कुछ बड़े/ दंगों के लिए तैयार रहें”, और ” वह तथा PFI के अन्य सदस्य उसकी (हुसैन) आर्थिक रूप से मदद करेंगे।”
चार्जशीट में कहा गया है, “हुसैन ने दावा किया कि सैफी ने उसे तैयारियों के लिए पैसे दिए थे। उसने जनवरी के दूसरे सप्ताह में अपनी कंपनियों के खाते से 1.10 करोड़ रुपए फर्जी कंपनियों को ट्रांसफर किए थे। इसके बाद उसने (हुसैन) लेनदेन के माध्यम से नकद राशि प्राप्त की और तैयारी शुरू कर दी। साथ ही उसने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को पैसे भी बाँटे थे।” चार्जशीट में यह भी कहा गया कि उसके साथ के और इलाके के कई अन्य लोगों ने भी अपने समर्थकों को बड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा था।
चार्जशीट में कहा गया है कि ताहिर हुसैन सहित पंद्रह लोग दिल्ली के खजूरी खास में हुसैन के घर के बाहर हुए दंगों में मुख्य रूप से शामिल थे। उसके छोटे भाई, शाह आलम को पहले भी गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने जाँच के दौरान दंगे में इस्तेमाल हुए हुसैन की लाइसेंसी पिस्टल को भी जब्त कर लिया है।
हुसैन और उसके अन्य साथियों को दंड संहिता की धारा 109, 114, 147, 148, 149, 186, 353, 395, 427, 435, 436, 452, 454, 153A, 505, 120B इंडियन पीनल कोड और 3 4 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
चार्जशीट में लिखा है कि आप के पूर्व पार्षद ने दिल्ली में हुए दंगों के एक दिन पहले 22 फरवरी 2020 को खजूरी खास के पुलिस स्टेशन से अपनी पिस्तौल छुड़वाई थी। हुसैन दिल्ली में दंगे भड़काने में शामिल लोगों के एक बड़े समूह के हिस्से उमर खालिद और खालिद सैफी के संपर्क में भी था।
दिल्ली हिंसा में तबलीगी जमातियों का हाथ
राजधानी स्कूल मामले में बुधवार (2मई 2020) को एक और चार्जशीट दायर किया गया। इसमें दिल्ली के मुस्तफाबाद के शिव विहार में राजधानी स्कूल के परिसर के बाहर 24 फरवरी को हुए दंगों में 5 मार्च को एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल के मालिक और प्रबंधक के शिकायत पर दर्ज की गई थी, जो राजधानी स्कूल से सटा हुआ है।
चार्जशीट के अनुसार, 24 फरवरी को मुस्लिम परिवारों के कई बच्चों को उनके माता-पिता स्कूल खत्म होने से पहले ले गए थे। इससे इस बात का पता लगाया जा सकता है कि इस दंगे को पहले से ही प्लान किया गया था। चार्जशीट में बताया गया कि मोलोटोव कॉकटेल काँच के बोतलों और राजधानी स्कूल की छत पर रस्सी और लोहे की गुलेल की मौजूदगी दूसरे पक्ष पर हमला करने के लिए पहले से की गई रणनीति की ओर इशारा करती है।
दंगाइयों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल के कंप्यूटर और अन्य महँगे सामान भी लूट लिए। साथ ही भीड़ ने स्कूल के सामने स्थित अनिल मिठाई की इमारत को भी जला दिया। बिल्डिंग में आग लगने से उसके अंदर फँसे कर्मचारी दिलबर नेगी की मौत हो गई, जिसका शव पुलिस को बाद में मिला।
इस मामले में राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारूक के साथ अठारह अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। जाँच में पता चला था कि फैसल फारूक ने ही राजधानी स्कूल क्षेत्र में और उसके आसपास दंगों को अंजाम देने की योजना बनाई थी। गवाहों के अनुसार उसी के निर्देश पर, डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल और अनिल स्वीट की इमारत में आग लगाई गई थी।
पुलिस ने बताया कि जाँच के दौरान यह पाया गया कि हिंसा बड़ी साजिश के तहत हुई और राजधानी स्कूल का मालिक फैसल फारूक हिंसा के ठीक पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कई नेताओं, पिंजरा तोड़ ग्रुप, निज़ामुद्दीन मरकज़, जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी और देवबंद के कई मौलवियों-आलिमों के संपर्क में था। उसके मोबाइल से इस बात के सबूत मिले हैं।
जाफराबाद दंगे से धुर वामपंथी समूहों का कनेक्शन
23 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिंजरा तोड़ की नताशा नरवाल और देवांगना कलिता को दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया था। दोनों महिलाएँ पिंजरा तोड़ की संस्थापक सदस्य हैं, जिसे 2015 में स्थापित किया गया था।
क्राइम ब्रांच की स्पेशल इनवेंस्टिगेशन टीम ने दोनों को 22 फरवरी की शाम को नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के लिए स्थानीय निवासियों को भड़काने और उन्हें जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर इकट्ठा होने के लिए कहने जैसे आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया था।
उनके ख़िलाफ़ पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 323, 283, 188, 427, 307, 302, 120B, 34 और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचने के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं और साथ ही “इंडिया अगेंस्ट हेट” ग्रुप और उमर खालिद के साथ भी जुड़ी थीं।
इस चार्जशीट में जिक्र किया गया है कि आरोपितों के मोबाइल में व्हाट्सऐप द्वारा भेजे गए कुछ संदेश, जिनसे उनके दिल्ली दंगों में हाथ होने का प्रमाण मिलता है, इस प्रकार थे –
- घर में गर्म खौलते हुए पानी और तेल का इंतजाम करें
- बिल्डिंग की सीढ़ियों पर तेल, शैंपू या सर्फ डाल दें
- लाल मिर्च गर्म पानी में या पाउडर के रूप में प्रयोग करें
- दरवाजों को मजबूत करें, जल्द से जल्द ग्रिल या लोहे के गेट लगवाएँ
- तेजाब की बोतलें घर में रखें
- बालकनी व छत पर ईंट और पत्थर रखें
- कार व बाइक से पेट्रोल निकाल कर रखें
- लोहे के दरवाजों में स्विच से करंट का इस्तेमाल करें
- एक इमारत से दूसरी इमारत में जाने के लिए रास्ते का इंतजाम करें
- बिल्डिंग के सारे मर्द हजरात एक साथ इमारत ना छोड़े, कुछ लोग महिला सुरक्षा के लिए रुकें