केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के चाँदनी चौक में कराए जा रहे सौंदर्यीकरण के दौरान तोड़े गए हनुमान मंदिर को लेकर हिंदू संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उत्तर दिल्ली नगर निगम ने अदालत के आदेश के बाद रविवार (जनवरी 3, 2021) को मंदिर तोड़ दिया था।
यह चाँदनी चौक के सौंदर्यीकरण का हिस्सा बताया जा रहा है। प्रदर्शनकारी भगवा झंडा थामे बजरंग दल के कार्यकर्ता थे। उन्होंने गौरी शंकर मंदिर से लेकर उस स्थान तक मार्च निकाला, जहाँ मंदिर बना था। उन्होंने नारेबाजी भी की। हालाँकि, पुलिस ने उन्हें बैरिकेट लगाकर रोक दिया।
दोपहर करीब 2 बजे हिंदू संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं ने तोड़े गए मंदिर स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था बिगड़ते देख उन्हें वहाँ से भी दूर कर दिया।
विहिप के प्रवक्ता महेंद्र रावत ने बताया कि दिल्ली के प्रमुख कपिल खन्ना, उपाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता, सतिव रवि और बजरंग दल के राज्य संयोजक बी बत्रा समेत 15-20 कार्यकर्ताओं और नेताओं को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मंदिर तोड़े जाने के मामले में भाजपा ने AAP सरकार को घेरा। दिल्ली भाजपा ने माँग की है कि दिल्ली सरकार चाँदनी चौक के सौंदर्यीकरण की योजना को री-डिजाइन करके वहाँ हनुमान मंदिर को फिर से बनवाने की व्यवस्था करें।
वहीं आम आदमी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा शासित MCD ने पहले सैकड़ों साल पुराना मंदिर तोड़ा और अब जनता के आक्रोश से बचने के लिए और अपने जघन्य अपराध को छिपाने के लिए AAP पर आरोप लगा रही है। दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस भी इस विवाद में कूद गई है। कॉन्ग्रेस ने AAP और भाजपा दोनों पर निशाना साधा।
इससे पहले सोमवार (जनवरी 04, 2020) को उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने कहा था कि उन्होंने उपराज्यपाल से कहा है कि वे उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र लगाकर मंदिर की पुनर्स्थापना के लिए अनुमति लें तथा उसी स्थान पर मंदिर को दोबारा स्थापित करें। उन्होंने कहा था कि अगर मंदिर की पुनर्स्थापना नहीं होती है तो वीएचपी आंदोलन के लिए मजबूर होगा।
वहीं, विहिप प्रान्त प्रचार प्रसार प्रमुख महेंद्र रावत ने बताया था कि वीएचपी, बजरंगदल, मातृशक्ति, दुर्गावाहनी, अन्य हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर विरोध दर्ज कराएँगे। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर माँग की कि हनुमान मंदिर तोड़ने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
गौरतलब है कि इस मसले पर बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा था कि दो अन्य धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का प्रस्ताव था, जिन्हें दिल्ली सरकार द्वारा संरक्षित किया गया, लेकिन AAP ने हनुमान मंदिर के लिए ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “योजना दिल्ली सरकार की थी, यह आदेश दिल्ली उच्च न्यायालय से आया था। दिल्ली सरकार ने दो अन्य धार्मिक स्थलों को बचाया है, हनुमान मंदिर को क्यों नहीं?”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नवंबर 2019 में मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था। HC ने दिल्ली सरकार की ‘धार्मिक समिति’ के पुनर्विकास योजना के तहत हनुमान मंदिर और शिव मंदिर के एकीकरण के सुझाव को खारिज कर दिया था।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दिसंबर में दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वह जल्द ही हनुमान मंदिर को ध्वस्त करना चाहता है। विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए विध्वंस को कई बार स्थगित किया गया था। विध्वंस की तारीख 20 दिसंबर निर्धारित की गई थी, लेकिन तब भी कुछ नहीं हुआ। अंततः इसे 2 और 3 जनवरी के बीच की मध्यरात्रि में ध्वस्त कर दिया गया।