दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर रतनलाल (Ratanlal) को ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के सर्वे में मिले शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार (21 मई 2022) को जमानत दे दी। इस मामले में पुलिस ने रतनलाल को शुक्रवार (20 मई 2022) की रात को गिरफ्तार किया था। टिप्पणी के बाद से उसकी गिरफ्तारी की माँग लगातार उठ रही थी।
दिल्ली पुलिस ने जैसे ही उसे गिरफ्तार किया वामपंथी और लिबरल गैंग एक्टिव हो गया। SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) ने प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी थी।
दिल्ली पुलिस के DCP (उत्तरी) सागर सिंह कलसी ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “रतनलाल को फेसबुक पर धार्मिक भावनाओं के अपमान के आरोप में FIR संख्या 50/22 के तहत गिरफ्तार किया गया है।” गिरफ्तारी के बाद से रतनलाल ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। अधिकतर लोग उनकी गिरफ्तारी को जायज और जरूरी बता रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
Students’ Federation of India (SFI) & All India Students Association (AISA) protest & block the road outside Cyber PS, North District, over the arrest of Ratan Lal, History Prof at Hindu College, DU, regarding a social media post allegedly intended to outrage religious beliefs. pic.twitter.com/SByZwCwrEW
— ANI (@ANI) May 20, 2022
रतनलाल की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उसके वकील महमूद प्राचा ने कहा, “प्रोफेसर के खिलाफ दर्ज केस झूठा है। FIR में कोई भी शिकायत ऐसी नहीं है जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती हो। पुलिस के पास अधिकार ही नहीं है कि वो इस केस में लगी धाराओं में गिरफ्तारी कर सके, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। साथ ही ये अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 का भी उल्लंघन है। प्रोफेसर बेगुनाह साबित होंगे।”
This arrest is also a contempt of the judgement by the Supreme Court… & a violation of section 3 in the Scheduled Castes & the Scheduled Tribes (Prevention of Atrocities) Act… we will prove his innocence. More protests should happen: Mehmood Pracha, advocate of Ratan Lal pic.twitter.com/sCz51lKml8
— ANI (@ANI) May 20, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपित प्रोफेसर की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने की है। पुलिस को उसकी लोकेशन मौरिस नगर में मिली थी। उसकी गिरफ्तारी टेक्निकल सबूतों के आधार पर की गई है। रतनलाल DU में इतिहास का प्रोफेसर है। दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ मंगलवार (17 मई 2022) को धार्मिक भावनाएँ आहात करने की शिकायत मिली थी। यह शिकायत वकील विनीत जिंदल द्वारा दर्ज करवाई गई थी।
रतनलाल ने फेसबुक पर लिखा था, “यदि यह शिवलिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था।” साथ ही पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी भी लगाई थी। इस पोस्ट पर उठे विरोध के बाद भी रतनलाल ने माफ़ी माँगने से इनकार कर दिया था। उसने अपनी बात कोर्ट में रखने का एलान किया था। आरोपित प्रोफेसर पर 153-A, 295-A IPC के तहत केस दर्ज हुआ था। केस दर्ज होने के बाद भी रतनलाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से बयानबाजी जारी रखी थी।
गौरतलब है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे विवादित ज्ञानवापी ढाँचे में न्यायालय के आदेश के बाद सर्वे के दौरान वजूखाना में स्थित एक शिवलिंग का पता चला था। पता चलने के बाद सिविल जज वाराणसी (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने 16 मई,2022 को ही विवादित ज्ञानवापी स्ट्रक्चर को सील करने का आदेश दे दिया था।