झारखंड के धनबाद जिले में मौलवियों ने निकाह को लेकर एक तालिबानी फरमान जारी किया है। यहाँ के एक प्रखंड में मौलवी ने डांस, म्यूजिक और आतिशबाजी को गैर-इस्लामी प्रथा करार दिया है। मौलवी का कहना है कि निकाह के दौरान अब डांस, म्यूजिक और आतिशबाजी नहीं होगी। इसके साथ ही नियम का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी है।
मौलवी ने कहा कि जो लोग इसका उल्लंघन करेंगे, उनकी पहचान कर जुर्माना लगाया जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला झारखंड के धनबाद जिले के निरसा प्रखंड का है। यहाँ स्थित सिबिलीबाड़ी जामा मस्जिद के प्रमुख इमाम मौलाना मसूद अख्तर ने यह फरमान जारी किया है।
उन्होंने सोमवार (28 नवंबर, 2022) को कहा “हमने सर्वसम्मति से फैसला किया कि निकाह इस्लाम मजहब के अनुसार संपन्न होगा। इसमें कोई डांस, डीजे संगीत और आतिशबाजी का प्रदर्शन नहीं होगा। इतना ही नहीं, आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि ये पाबंदियाँ 2 दिसंबर 2022 से लागू होंगी।”
मौलाना ने कहा कि शादी रात 11 बजे से पहले करनी होगी, क्योंकि उसके बाद का समय शुभ नहीं माना जाता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई रात 11 बजे के बाद निकाह करने की कोशिश करता है तो उस पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। मौलाना का फरमान यहीं नहीं रुका। उन्होंने कहा कि इस फरमान का जो कोई भी उल्लंघन करेगा, उसे लिखित रूप से माफी भी माँगनी होगी। मौलवी ने साथ ही लोगों से अपील कर कहा कि इस नए नियम के बारे में अपने रिश्तेदारों और परिचितों को भी सूचित कर दें।
इस संबंध में निर्णय रविवार (27 नवंबर, 2022) को एक बैठक में लिया गया था। बैठक की अध्यक्षता करने वाले इमाम ने कहा कि इस्लाम में इस तरह की प्रथाओं की अनुमति नहीं है और इससे लोगों को भी परेशानी होती है।