राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने एक बार फिर से धर्म संसद का बिगुल बजा दिया है। इस धर्म संसद में देश भर से कई साधु और संत भी आने वाले हैं। वहीं इसका आयोजन खुद यति नरसिंहानंद महाराज कर रहे हैं। इसी साल एक धर्म संसद में अपने बयानों के कारण वे विवादों में भी आ चुके थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने बताया कि इस धर्म संसद का आयोजन 17 और 18 दिसंबर को होने वाला है। वहीं इस धर्म संसद को लेकर स्वामी यति नरसिंहानंद ने बताया कि वे देश के संतों और हिंदू जानकारों व अध्यात्मिक गुरुओं को निमंत्रण पत्र भेज रहे हैं।
आपको याद दिला दें कि बीते मई महीने में महंत ने भविष्य में कभी भी ‘धर्म संसद’ के आयोजन से मना किया था। वहीं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी उन्हें एक मामले में राहत दी गई। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें यति नरसिंहानंद सरस्वती और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को गिरफ्तार करने की माँग की थी।
गौरतलब है कि महंत यति नरसिंहानंद इस साल 1 मई को अलीगढ़ में हुई एक धर्म संसद को पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप भी लगाया था। उनके मुताबिक, यदि उनके साथ खड़े होने वाले हजारों लोग न होते तो अब तक उनका काफी नुकसान हो चुका होता। इसके अलावा यति नरसिंहानंद को उत्तराखंड में हुई धर्म संसद मामले में गिरफ्तार भी किया गया था।
वहीं उन्होंने एक बार ऑपइंडिया से खास बातचीत में कहा था, “कभी ये डासना इलाका हिन्दू बहुल हुआ करता था। लेकिन अब यहाँ हिन्दू नाममात्र के लिए बचे हैं। हिन्दुओं का पलायन हुआ। इन्होंने (मुस्लिमों) ने अपनी जनसंख्या भी तेजी से बढ़ाई। यहाँ के हिन्दू व्यापारी गाजियाबाद, पिलखुआ और नॉएडा जा कर बस गए हैं। अब यहाँ 95% लोग मुस्लिम हैं। मेरे मंदिर में आने वाली भीड़ पूरे देश के लोगों की होती है।”