Friday, November 15, 2024
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जिनके पुरखों को घर छोड़ भागना पड़ा था, वो हैं राम मंदिर के सबसे बड़े दानकर्ता: रामलला के लिए दिया 101 किलो सोना, जानिए कौन हैं दिलीप V लाखी

राम मंदिर में उनके असाधारण योगदान में 101 किलोग्राम सोने का दान शामिल है। इसका मूल्य लगभग 68 करोड़ रुपए है। इस सोने का इस्तेमाल राम मंदिर के दरवाजे, गर्भगृह, त्रिशूल, डमरू और स्तंभों को सजाने के लिए किया जाएगा।

अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए कई बड़े कारोबारियों और हस्तियों ने दान दिया है, लेकिन गुजरात के सूरत के हीरा कारोबारी दिलीप V लाखी ने इस दान में भी इतिहास रच दिया है। उन्होंने राम मंदिर के लिए 101 किलोग्राम सोना का दान किया है।

बताते चलें कि आज यानी 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रामलला विराज गए हैं। इस समारोह के लिए शहर को फूलों और चमकदार रोशनी से सजाया गया है। इस बीच फूलों से सजे-धजे मंदिर की अलौकिक छवि देखते ही बन रही है। इस पल को एक बात खास बनाती है कि 500 साल से जिस राम मंदिर का सब लंबे वक्त से इंतजार कर रहे थे उसका पूरा निर्माण पूरी तरह से समर्पित अनुयायियों के दान से हुआ है।

राम के इन दान देने वालों में दिलीप V लाखी नंबर वन रहे हैं। उन्होंने मंदिर को इतना सोना दान किया है कि लोग दाँतों तले उँगली दबा लें। राम मंदिर निर्माण के लिए 5500 करोड़ रुपए से अधिक का दान दिया गया है, लेकिन इन सबके बीच दिलीप V लाखी अपनी अलग जगह बना ले गए।

राम मंदिर में उनके असाधारण योगदान में 101 किलोग्राम सोने का दान शामिल है। इसका मूल्य लगभग 68 करोड़ रुपए है। इस सोने का इस्तेमाल राम मंदिर के दरवाजे, गर्भगृह, त्रिशूल, डमरू और स्तंभों को सजाने के लिए किया जाएगा, जो पवित्र संरचना में एक अलग रूप देते हैं।

बताते चलें कि राम मंदिर में भूतल पर गर्भगृह के द्वार सहित कुल 15 स्वर्ण द्वार बनाए गए हैं। अब बात करते दिलीप वी लाखी के परिवार की। उनका परिवार सूरत में हीरा का सबसे बड़ा कारोबारी हैं। दिलीप कुमार के पिता विशिनदास होलाराम भारत-पाकिस्तान के बँटवारे से पहले 1944 में जयपुर आए थे। पहले से ही मेहनत के पुजारी रहे दिलीप ने 13 साल की उम्र से ट्यूशन देते थे और खाली वक्त में पिता का कारोबार सँभालते थे। इसके साथ ही उनमें कारोबारी कुशलता और अनुभव बढ़ता गया।

जब वो 22 साल के थे उनके पिता ने 1972 में उन्हें मुंबई के जवेरी बाजार कारोबार के लिए भेजा था। पिता के विश्वास पर खरा उतरते हुए उन्होंने हीरे के कारोबार में खासी तरक्की की।

यही वजह है कि दिलीप कुमार लाखी सूरत में बड़ी हीरा पॉलिशिंग की फैक्ट्री के मालिक हैं। उनकी फैक्ट्री में 6000 से अधिक कर्मचारी को रोजगार मिला हुआ हैं। दिलीप कुमार के तीन भाई मोतीराम वी लाखी, प्रकाश वी. लाखी और दीपक वी लाखी हैं। ये तीनों अलग-अलग हॉन्गकॉन्ग, न्यूयॉर्क और संयुक्त अरब अमीरात में कारोबार सँभालते हैं। वहीं गुजरात के प्रसिद्ध राम कथाकार मोरारी बापू के अनुयायी दान देने में दूसरे नंबर रहे। उनके अनुयायियों ने 16.3 करोड़ रुपए का दान दिया।

इसके बाद तीसरे नंबर पर गुजरात के हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया हैं। डायमंड कंपनी श्री राम कृष्णा एक्सपोर्ट्स के मालिक ढोलकिया ने 11 करोड़ रुपए की बड़ी राशि दान की है। दुनिया भर में राम मंदिर में दान के लिए पटना का महावीर मंदिर भी अव्वल रहा है। वहाँ से राम मंदिर के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपए का अहम योगदान दिया है। इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के राम भक्तों ने अलग से 8 करोड़ का योगदान दिया।

दरअसल राममंदिर के लिए हर दो घंटे में दान दोगुना हो रहा है। इसमें कई मशहूर हस्तियों और राजनेताओं के अघोषित रकम दान करने की अफवाहें भी हैं।वहीं कुछ और कारोबारी भी हैं जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के लिए उदारतापूर्वक दान दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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