कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रेलवे स्टेशन पर 26 जुलाई को मीट (मांस) के एक बड़े पार्सल को लेकर बवाल हो गया। आरोप है कि मटन (बकरे का मांस) के नाम पर बेंगलुरु के होटलों में कुत्ते के मांस की सप्लाई की जा रही है। हंगामे के बाद मीट के 150 कार्टन जब्त किए गए हैं और उसके सैंपल को जाँच के लिए भेज दिया गया है। वहाँ पर RPF को भी तैनात कर दिया गया है।
दरअसल, जयपुर से मांस का एक बड़ा शिपमेंट बेंगलुरु के KCR सिटी रेलवे स्टेशन पहुँचा था। 26 जुलाई की शाम को यह शिपमेंट जयपुर-मैसूर एक्सप्रेस में आया था। उसमें मीट के 150 कार्टन थे। ‘गोरक्षक’ पुनीथ केरहल्ली और उनके सहयोगियों ने आरोप लगाया कि स्टेशन पर मीट का जो पार्सल उतारा गया है, वह कुत्ते का मांस है। इसके बाद स्टेशन पर खूब हंगामा हुआ।
मामले की शिकायत मिलने पर BBMP (बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका) के स्वास्थ्य अधिकारी और कॉटनपेट इलाके की पुलिस मौके पर पहुँची। मीट के कार्टन जब्त कर जाँँच के लिए उसके सैंपल लिए गए और उसकी की जाँच के लिए FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) को भेज दी गई है। FSSAI जाँच कर रही है कि यह मीट किस जानवर का है।
आरोप है कि यह कुत्ते का मांस होटलों में सप्लाई होने जा रहा था। इसका कुल वजन लगभग 5,000 किलोग्राम बताया जा रहा है। हालाँकि, अधिकारियों ने इसके 1500 किलोग्राम होने का दावा किया है। प्रारंभिक जाँच में पुलिस को पता चला है कि यह मांस बाजार में 600 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा था, जबकि मटन की कीमत 800 रुपए प्रति किलोग्राम है।
इससे अधिकारियों की शंका बढ़ गई है। मीट का शिपमेंट मँगाने वाले शख्स का नाम अब्दुल रजाक बताया जा रहा है। अब्दुल रज्जाक ने कहा कि इस खेप से संबंधित उसके पास कानूनी दस्तावेज हैं। अब्दुल रज्जाक ने कहा कि जिस किसी को भी शक हो वह मांस के सैंपल में जानवर की पूँछ देख सकता है। अब्दुल रज्जाक ने दावा किया कि ये कुत्ता का मांस नहीं, बल्कि भेड़ का मांस है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही हिंदू संगठनों के लोग भी मौके पर पहुँच गए और हंगामा किया। हंगामे के देखते हुए वहाँ पुलिस तैनात कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले BBMP को स्थानीय भोजनालयों में परोसे जाने वाले मीट की क्वालिटी को लेकर शिकायत मिली थी। BBMP ने तब FSSAI के साथ मिलकर मामले की जाँच शुरू की थी।