दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गिरफ्तार कर लिया है। उमर खालिद को दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। शनिवार (सितम्बर 12, 2020) को ही दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को समन दिया था और उन्हें लोधी कॉलनी स्थित स्पेशल सेल के ऑफिस में हाजिरी देकर जाँच में सहयोग करने को कहा गया था। इससे पहले जुलाई 31 को भी उनसे पूछताछ हो चुकी है।
उसी दिन उमर खालिद का मोबाइल फोन भी सीज कर लिया गया था। रविवार को वो दोपहर 1 बजे पूछताछ के लिए पहुँचे, जिसके बाद शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हें सोमवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। आने वाले कुछ ही दिनों में दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर करेगी। क्राइम ब्रांच के नारकोटिक्स यूनिट में तैनात सब-इंस्पेक्टर अरविन्द कुमार को मुखबिर से मिली सूचना के बाद मार्च 6 को उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
मुखबिर ने पुलिस के सामने खुलासा किया था कि दिल्ली में हुआ हिन्दू-विरोधी दंगा पूर्व नियोजित साजिश के तहत हुआ था और इसमें उसके साथ दानिश सहित 2 अन्य साथी शामिल थे। ये सभी अलग-अलग संगठनों का हिस्सा थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दिल्ली दौरे के समय अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने भारत में कथित अल्पसंख्यकों के प्रताड़ित होने का नैरेटिव बनाने के लिए उमर खालिद ने दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण भी दिया था।
हालाँकि, उमर खालिद के वकील त्रिदीप पाइस ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत करते हुए बताया कि उनके क्लाइंट के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत, मनगढ़ंत और दबाव के कारण दर्ज किए गए हैं। सितम्बर 4 को किए गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उमर खालिद ने कहा था कि देश में दो किस्म का क़ानून चल रहा है- एक सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के लिए और दूसरा आम लोगों के लिए, जिनके खिलाफ झूठे सबूत बनाए जाते हैं।
Activist and former JNU student Umar Khalid arrested by special cell in connection with his alleged role in the violence of Northeast Delhi: Delhi Police (File pic) pic.twitter.com/LIwLZ8ypjg
— ANI (@ANI) September 13, 2020
ताहिर हुसैन ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसने 8 जनवरी को ही सीएए विरोधी प्रदर्शन स्थल शाहीनबाग में खालिद सैफी (India Against Hate Group) और उमर खालिद (JNU) के साथ मिलकर इस दंगे की योजना बना ली थी। उसने कबूला था कि वो और भी कई सीएए विरोधी प्रदर्शन के आयोजकों से संपर्क में था। इस कबूलनामे में उमर खालिद का नाम आने के साथ ही दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी।