केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने का मामला सामने आया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने चार लोगों को पकड़ा है। इनके नाम मेहताब आलम, सरताज खान, मोहम्मद जुनैद और दीन मोहम्मद हैं।
ये बंद पड़ी इंश्योरेंस पॉलिसी को मैच्योर कराने के नाम लोगों से ठगी करते थे। निर्मला सीतारमण, आरबीआई (RBI) के रिजनल डायरेक्टर एसएमएन स्वामी, आईआरडीए (IRDA) समेत विभिन्न इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी के नाम से लोगों के पास फर्जी ईमेल भेजते थे। इनके फर्जी हस्ताक्षर वाले पत्र भेज कर लोगों को फँसाते थे।
Delhi Police has arrested four people — Mehtab Alam, Sartaj Khan, Mohammad Junaid and Deen Mohammad — for forging signature of @nsitharamanoffc and others from RBI etc to dupe people on pretext of giving them insurance benefits. The accused earlier worked as telecallers in BPOs pic.twitter.com/plZd3cOiHO
— Raj Shekhar Jha (@tweetsbyrsj) December 13, 2022
यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के आईएफएसओ यूनिट (IFSO Unit) ने की है। आरोपितों के पास से लगभग 3 हजार लोगों का इंश्योरेंस डेटा बरामद किया गया है। पुलिस ने इसके साथ ही आरोपितों से 7 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप भी बरामद किया है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार आरोपितों ने अपराध के इसी तरीके का इस्तेमाल कर बीते करीब डेढ़ साल में कई लोगों से करोड़ों रुपए ठगे हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपित वित्त मंत्रालय के अधिकारी बन लोगों से ठगी कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक आरोपितों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जाली हस्ताक्षर का भी अपराध में इस्तेमाल किया था। इसी तरह के अन्य मामलों के बाद वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में शिकयत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद यह मामला उजागर हुआ।
IFSO यूनिट के पुलिस उपायुक्त प्रशांत गौतम ने कहा कि ठगी के संबंध में शिकायत दिल्ली पुलिस आयुक्त के कार्यालय को भेजी गई थी। ताजा मामला वाराणसी के एक व्यापारी से बंद पॉलिसी को मैच्यौर करने के एवज में 1.27 लाख रुपए ठगने का है। दरअसल पीड़ित के पास एक फर्जी लेटर भेजा गया था, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हस्ताक्षर थे। पीड़ित को बताया गया कि उसकी लैप्स हो चुकी पॉलिसी के लिए 12 लाख से अधिक रुपए स्वीकृत किए गए हैं। हालाँकि इसके लिए उसे प्रोसेसिंग फी के नाम पर कुछ रुपए चुकाने होंगे। पीड़ित ने ये पैसे भी दे दिए थे। बाद में उसे ठगे जाने का एहसास हुआ।