उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur in Uttar Pradesh) में नाबालिग बेटी के रेप के आरोपी दिलशाद हुसैन (Dilshad Hussain) को गोली मारकर हत्या करने के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि दिलशाद जमानत पर बाहर आने के बाद पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहा था। बेटी के साथ हुई घटना के बाद बदनामी और आरोपी द्वारा बनाए जा रहे दबाव को देखते हुए BSF से रिटायर्ड पिता ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ आत्महत्या करने की सोची थी, लेकिन बाद में दिलशाद हुसैन को मारने का निर्णय ले लिया। पिता के इस कदम का सोशल मीडिया पर लोग समर्थन कर रहे हैं और इसके लिए व्यवस्था को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि पीड़िता के पिता ने दिलशाद को पिछली तारीख पर ही उसे मारने की योजना बनाई थी, लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो सका। तब दिलशाद कचहरी अकेले नहीं, बल्कि अपने साथ कुछ लोगों को लेकर आया था। इसी कारण पीड़िता के पिता की प्लानिंग फेल हो गई और दिलशाद बच गया, लेकिन दूसरी बार शुक्रवार (21 जनवरी 2022) को वह बच नहीं सकता। भागवत निषाद ने उस पर चार गोलियाँ चलाई, जिसमें उसकी मौत हो गई।
नाबालिग के साथ रेप के आरोप में पॉक्सो के तहत जेल में बंद रहने के बाद दिलशाद जब जमानत पर बाहर आया, तब वह लड़की पिता को परेशान करने लगा। वह मुकदमे को वापस लेने के लिए उन पर दबाव बनाता था। इतना ही नहीं, दिलशाद उनकी बेटी और खुद के निकाह की तस्वीरों के साथ-साथ अन्य तस्वीरें भी भेजता था। शर्मिंदगी के कारण उनका परिवार बाहर नहीं निकलता था।
वहीं, उनकी बेटी दिलशाद के साथ ही रहने की अपनी जिद पर अड़ी थी, जिसके कारण उसे नारी निकेतन भेज दिया गया था। बेटी कोर्ट में दिलशाद के पक्ष में बयान भी दे चुकी थी। इससे पिता और उनका परिवार परेशान रहने लगा और परिवार सहित आत्महत्या करने की सोचने लगा। हालाँकि, बाद में उन्होंने इरादा बदल दिया।
दैनिक भास्कर के अनुसार, गोली मारने वाले रेप पीड़िता के पिता भागवत निषाद (Bhagwat Nishad) के समर्थन में लोगों का कहना है कि जब एक लड़की का बाप इस तरह परेशान होगा तो और क्या करेगा? उन्होंने जो किया वो सही किया। कुछ लोगों ने न्याय-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिता ने सोचा होगा कि उसे क्या सजा होगी, तो उसने खुद ही सजा दे डाली।
नाबालिग को झाँसे में लेकर भाग गया था दिलशाद
भागवत निषाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात थे। वह अक्सर बाहर रहते थे। इधर उन्होंने गोरखपुर के बड़हलगंज में एक मकान बनवाया और अपने परिवार को गाँव से बुलाकर वहीं रख दिया और पढ़ाई वगैरह की व्यवस्था कर दी। उनके घर के सामने 30 वर्षीय दिलशाद हुसैन का दुकान था। वह बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाने के विधिपुर गाँव का रहने वाला था। दुकान के कारण उसने लड़की के परिवार के साथ नजदीकी पढ़ाई और उनके घर आने-जाने लगा।
बताया जा रहा है कि दिलशाद वहाँ हिंदू नाम से रहता था और लड़की को अपना हिंदू नाम ही बताया था। धीरे-धीरे उसने लड़की को झाँसे में ले लिया। भागवत निषाद 2 साल पहले जब रिटायर होकर आए तो उन्हें शंका हुई और उन्होंने अपनी बेटी पर निगाह रखनी शुरू कर दी। इसी दौरान दिलशाद किशोरी को बहला-फुसलाकर ले भागा।
बता देें कि शुक्रवार (21 जनवरी 2022) की दोपहर को रेप (Rape) पीड़िता के पिता ने जमानत पर बाहर घूम रहे दिलशाद हुसैन की गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी थी। दिलशाद गोरखपुर में मुकदमे की तारीख के लिए आया था, लेकिन कोरोना के कारण कोर्ट के अंदर जाने पर रोक है। इसी कारण दीवानी कचहरी के गेट पर पहुँचने के बाद आरोपित दिलशाद ने अपने वकील को मिलने के लिए गेट पर बुलाया।
इससे पहले के उसका वकील उस तक पहुँचता, बलात्कार की शिकार किशोरी के पिता ने पिस्टल से उसके सिर में गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दिलशाद हुसैन रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपित था और जमानत में बाहर था। फिलहाल पुलिस ने उसकी हत्या के आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।