मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में 9 साल पहले धर्मान्तरित हुए एक परिवार ने घर वापसी की है। ईसाई मत से अपने मूल धर्म हिन्दू में वापस आने वाले एक ही परिवार के 8 सदस्य हैं। इन सभी ने 9 साल पहले अपने धर्म परिवर्तन को खुद का भटकाव कहा और घर वापसी पर ख़ुशी जताई। विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों ने वापस लौटे सभी सदस्यों का स्वागत किया है। घर वापसी का यह कार्यक्रम मंगलवार (28 मार्च 2023) को महादेव शिव के मंदिर में आयोजित हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घर वापसी करने वाला परिवार झाबुआ जिले के गाँव धामंदा का रहने वाला है। घर वापसी करने वाले कैलाश और उनके परिवार वालों ने बताया कि 9 साल पहले उनके घर में कुछ लोग बीमार रहा करते थे। इस बीच ईसाई मिशनरियों से जुड़े एक व्यक्ति की उनसे मुलाकात हुई। उस व्यक्ति ने ईसाई बन जाने पर हिन्दू परिवार को बेहतर इलाज का झाँसा दिया। कैलाश के मुताबिक उसी लालच में वो ईसाई बन गए थे। हालाँकि बाद में उन्हें अपने मूल धर्म की याद आने लगी। अपनी संस्कृति को याद करते हुए घर वापसी करने वाले परिवार ने कहा कि सनातन धर्म ही सच्चा है।
घर वापसी करने वालों में कैलाश, शुकली, दुर्गेश, गोविन्द, काली, मुकेश, मोनिका और अभिषेक शामिल हैं। कैलाश और शुकली पति-पत्नी हैं और बाकी सभी उनके बेटे और बेटियाँ हैं। इन सभी ने खुद को फिर से हिन्दू धर्म में आ कर बेहद खुश बताया। विहिप कार्यकर्ताओं ने बताया कि इन सभी की मुलाकात धर्म परिवर्तन के खिलाफ अभियान चला रहे हिन्दू संगठन के सदस्यों से हुई। उन्होंने इस परिवार को सुबह का भूला बता कर घर वापसी का कार्यक्रम तय किया।
झाबुआ। गांव धामंदा के एक परिवार के आठ लोगों ने मंगलवार को घर वापसी की। स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रलोभन में ये लोग नौ वर्ष पहले ईसाई बन गए थे। संत कमल महाराज व धर्म प्रसार विभाग के राकेश डामोर आदि की प्रेरणा से वापस सनातन धर्म में लौट आए। मतांतरण जिले की यह गंभीर सामाजिक समस्या है।…
— 🇮🇳 शेषधर तिवारी 🇮🇳 (@sdtiwari) March 28, 2023
जानकारी के अनुसार यह कार्यक्रम गाँव कोकावद में बने महादेव धाम में आयोजित हुआ। घर वापसी करने वाले सदस्यों ने यहाँ बाकायदा वेदमंत्रों के बीच हिन्दू देवी-देवताओं की आराधना की। मंदिर के संत कमल ने सभी को आशीर्वाद दिया और हवन करवाया। घर वापसी करने वालों ने संत खूमसिंह महाराज की प्रतिमा को भी नमन किया। इस मौके पर ग्रामीण और हिन्दू संगठन के लोग जुटे थे। हिन्दू संगठनों ने धर्म परिवर्तन को गंभीर समस्या बताया।