देश की राजधानी दिल्ली में एक मुस्लिम लड़की ने सनातन धर्म में घर वापसी की है। सनातन अपनाने वाली लड़की का नाम उजमा है, जो अब मीरा नाम से जानी जाएगी। मंगलवार (26 मार्च 2024) को मीरा ने विधि-विधान से आर्य समाज मंदिर में अनिल नाम के युवक से शादी भी कर ली। अनिल दलित समुदाय से आते हैं। इस शादी और घर वापसी में में हिन्दू मोर्चा के पदाधिकारियों ने सहयोग किया और नव विवाहित दम्पति को सम्मान और सुरक्षा देने का भी संकल्प लिया।
घर वापसी करने वाली लड़की उजमा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले की रहने वाली हैं। उनके अब्बा का नाम जनाब अहमद खान है। वहीं, उनके पति अनिल दिल्ली के टैगोर गार्डन इलाके के निवासी हैं। उजमा ने खुद को बालिग बताया और कहा कि अनिल से शादी और घर वापसी का फैसला उनका अपना फैसला है और इसके लिए किसी ने जोर जबरदस्ती नहीं की। वहीं, अनिल ने भी खुद के बालिग होने का प्रमाण पत्र दिया। इन दोनों का विवाह दिल्ली के सनातन वैदिक समाज कल्याण संस्था के माध्यम से हुआ।
दोनों के विवाह के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार हुआ। विधि-विधान से उजमा ने मीरा बनकर हवन पूजन किया। दम्पति ने अग्नि के 7 फेरे लिए और हमेशा एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहने का संकल्प लिया। इस मौके पर हिन्दू मोर्चा के पदाधिकारियों के अलावा अनिल वाल्मीकि के परिजन भी मौजूद थे। उन्होंने वर-वधू को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। उजमा अपनी शादी से बेहद ख़ुश हैं। शादी के बाद वो अपने पति के साथ चली गईं। हिन्दू मोर्चा के सदस्यों ने इस अवसर पर जय श्री राम का उद्घोष भी किया। ऑपइंडिया के पास विवाह प्रमाण पत्र मौजूद है।
हिन्दू मोर्चा के अध्यक्ष दीपक मलिक ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने हमें बताया कि शाहजहाँपुर की मूल निवासी लड़की का परिवार फ़िलहाल पश्चिमी दिल्ली में रहता है। यहीं पर लड़की की 6 साल पहले अनिल वाल्मीकि से मुलाकात हुई थी। कुछ ही दिनों की दोस्ती में दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। आखिरकार अलग-अलग मजहबों से होने के बावजूद उजमा और अनिल ने एक दूसरे से शादी करने का फैसला कर लिया। अनिल ने अपने परिजनों को इस रिश्ते के लिए मना लिया, लेकिन उजमा के परिजन तैयार नहीं हुए।
मलिक ने आगे कहा कि उजमा के परिजनों ने उसकी निकाह के लिए एक मुस्लिम लड़का देख भी लिया था। इसके बाद अनिल और उजमा ने अपनी शादी में सहयोग के लिए हिन्दू मोर्चा को सम्पर्क किया। आखिरकार 26 मार्च 2024 को उजमा घर से बाहर निकली और सीधे आर्य समाज मंदिर पहुँची। यहाँ उजमा ने पहले विधि-विधान से सनातन स्वीकार करके मीरा बनीं और उसके बाद अनिल से विवाह किया।