महिला सहकर्मी के यौन शोषण के मामले में शुक्रवार (21 मई 2021) को सेशन कोर्ट से बरी होने वाले ‘तहलका’ पत्रिका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी। ‘तहलका’ के संपादक रहे तेजपाल पर 2013 में पत्रिका के ही एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में अपनी ही महिला सहकर्मी के यौन शोषण का आरोप लगा था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।
हालाँकि, रेप केस में 2014 में उन्हें जमानत मिल गई थी, जिसके बाद से तेजपाल जमानत पर बाहर थे। उन्हें शुक्रवार (21 मई 2021) को सेशन कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। निचली अदालत के इसी फैसले को अब गोवा सरकार हाईकोर्ट में चुनौती देगी।
बरी होने के बाद क्या कहा तेजपाल ने
पूर्व ‘तहलका’ संपादक तेजपाल ने कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद सबसे पहले उनका केस लड़ने वाले वकील राजीव गोम्स को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा राजीव उनसे हमेशा कहते थे कि वो पैसों के लिए केस नहीं लड़ते हैं। गौरतलब है कि हाल ही कोरोना संक्रमित होने के बाद तेजपाल के वकील राजीव गोम्स का निधन हो गया था। इस पर तेजपाल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति राजीव से बेहतर वकील की उम्मीद नहीं करेगा।
तेजपाल ने उन्हें बरी करने वाली जस्टिस क्षमा जोशी को भी सच के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वक्त आने पर वो पूरी डिटेल्स के साथ मामले में अपना पक्ष रखेंगे। फिलहाल वो अपने परिवार के साथ प्राइवेसी चाहते हैं।
जस्टिस क्षमा जोशी ने 8 मार्च को ही इस मामले की अंतिम दलील सुन ली थी और बुधवार (मई 19, 2021) को ही इस मामला का फैसला सुनाया जाना था। लेकिन, फैसले की तिथि को 2 दिन टाल दिया गया था। इससे पहले भी कई बार फैसले की तिथि को टाला गया था। बताया गया था कि कोरोना महामारी के कारण कोर्ट में कर्मचारियों की कमी थी
2014 में गोवा क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ 2846 पन्नों की भारी भरकम चार्जशीट दायर की थी। इससे पहले उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करने की गुहार लगाई थी। हालाँकि, इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी।