मोदी कैबिनेट ने बुधवार (नवंबर 11, 2020) को 10 सेक्टर्स में ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स’ (PLI) लागू करने की मँजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि इस कदम से भारत की विनिर्माण क्षमताओं में वृद्धि होगी।
इस स्कीम के तहत 5 सालों में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। साथ ही, ऑटो कॉम्पोनेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर को 57,000 करोड़ रुपए की अधिकतम प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके अलावा जिन सेक्टर्स को इसका फायदा होगा उनमें एडवांस सेल केमिस्ट्री, बैटरी, फार्मा, फूड प्रोडक्ट्स और व्हाइट गुड्स शामिल हैं।
इस योजना के अनुसार, केंद्र अतिरिक्त उत्पादन पर प्रोत्साहन प्रदान करेगा और कंपनियों को भारत में बने उत्पादों को निर्यात करने की अनुमति देगा। पिछले महीने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा था कि PLI स्कीम का लक्ष्य प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।
‘यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम फैसला’
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, “हमारे यहाँ मैन्युफेक्चरिंग GDP का 16% है। हमें अभी तक निर्यात बढ़ाने के उपायों में ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार 2 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव देगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम फैसला है।”
The Union Cabinet has approved PLI scheme for ten key sectors for enhancing India’s manufacturing capabilities and enhancing exports; the scheme will make Indian manufacturers globally competitive, attract investment and enhance exports: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/M7U7GhNU3j
— ANI (@ANI) November 11, 2020
उन्होंने कहा, “अब मोबाइल और मेडिकल डिवाइस निर्माण बनाने वाली कंपनियों पर फोकस है, क्योंकि मोबाइल की अनेक कंपनियों में FDI आया है, इससे देश में ही उत्पादन और निर्यात बढ़ेगा। देशी कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा।”
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का लाभ रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पाद, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी जैसे उद्योगों में निवेशकों को मिलेगा।
ये हैं वो 10 सेक्टर
इन 10 सेक्टरों में व्हाइट गुड्स, ऑटो, ऑटो कम्पोनेंट और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य देश में प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि केंद्र सरकार जल्द ही घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करने और एशिया में वैकल्पिक वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में देश को आगे बढ़ाने के लिए कम से कम आठ और क्षेत्रों में पीएलआई योजना का विस्तार करेगी।
Cabinet approves PLI scheme for 10 key sectors for enhancing India’s manufacturing capabilities and enhancing exports; scheme will make Indian manufacturers globally competitive, attract investment and enhance exports pic.twitter.com/MuaX1SZ0TC
— K.S. Dhatwalia (@DG_PIB) November 11, 2020
पिछले ही महीने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने ऐलान किया था कि सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव लेकर आएगी, ताकि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टरों की मदद की जा सके। उन्होंने बताया था कि पीएलआई स्कीम का मकसद देश में पैसा लगाने वाले निवेशकों को इंसेटिंग मुहैया कराना है।
Cabinet decision of PLI scheme for 10 sectors will boost manufacturing, give opportunities to youth while making India a preferred investment destination. This is an important step towards improving our competitiveness & realising an Aatmanirbhar Bharat. https://t.co/KDQvMEBubJ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 11, 2020
पीएम मोदी ने भी बुधवार को ट्वीट कर इस स्कीम को केंद्र सरकार का बड़ा फैसला बताया। उन्होंने लिखा कि इस स्कीम के तहत उत्पादन के 10 प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के इस फैसले पीएलआई योजना के तहत विनिर्माण के 10 क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही भारत को पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाते हुए युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। यह हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाने और एक आत्मानिभर भारत को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन सेक्टर्स में PLI स्कीम पहले से चल रही
सरकार ने इससे पहले कुछ सेक्टर्स में इसे लागू कर दिया है, जैसे कि फॉर्मा, मेडिकल डिवाइसेज, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग कंपनीज। इन सभी सेक्टर्स के बाद अब सरकार की योजना इसे अन्य सेक्टर में भी लागू करने की है।
PLI स्कीम के तहत आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर तक
इसके पहले PLI स्कीम के तहत आवेदन करने वाली कंपनियों के लिए अंतिम तारीख को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया था। वहीं केंद्र सरकार ने फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्रीज के लिए PLI स्कीम की शर्तों को आसान किया था।