Sunday, November 17, 2024
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सेना के जवानों के मोबाइल में वायरस भेजता, फिर संवेदनशील जानकारियाँ चुराता: गुजरात ATS ने पाकिस्तानी जासूस को किया गिरफ्तार

SP जाट ने कहा कि लाभशंकर माहेश्वरी एक पाकिस्तानी नागरिक है। वह साल 1999 में भारत आया था। बाद में उसे भारतीय नागरिकता मिल गई। हालाँकि, उसका पूरा परिवार अभी भी पाकिस्तान में ही रहता है। माहेश्वरी ने अपने परिवार से मिलने के लिए पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन किया था।

गुजरात एटीएस ने शुक्रवार (20 अक्टूबर 2023) को एक पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया है। वहीं, उसके संपर्क में रहने वाले अन्य व्यक्तियों का भी पता लगाया जा रहा है। इसके लिए ATS जगह-जगह छापेमारी कर रही है। गिरफ्तार शख्स भारत में एक पाकिस्तान के लिए काम कर रहा था और भारत की महत्वपूर्ण सूचनाएँ हस्तांतरित कर रहा था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी शख्स गुजरात के आणंद के तारापुर में रह रहा था। वह वह पाकिस्तानी नागरिक से भारतीय नागरिक बना है। उसके पास से पैसे और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पाकिस्तान की कुख्यात जासूसी एजेंसी ISI के लिए काम करने वाला यह जासूस भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों के फोन से छेड़छाड़ करता था।

एटीएस को सैन्य खुफिया जानकारी कि 55 वर्षीय पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव (PIO) लाभशंकर दुर्योधन माहेश्वरी सेना के जवानों और अधिकारियों को निशाना बना रहा है। आरोपित ह्वाट्सऐप के जरिए सेना के जवानों और उनके परिजनों से संपर्क करता था।

संपर्क में आ जाने और बातचीत होने के बाद आरोपित संवेदनशील जानकारियाँ चुराने के लिए वह उनके मोबाइल पर रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) मैलवेयर भेजता था। माहेश्वरी खुद को आर्मी पब्लिक स्कूल का अधिकारी बताकर सेना के जवानों के परिवारों को निशाना बना रहा था।

एटीएस के पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश जाट के अनुसार, आरोपित भारतीय सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था। वह जामनगर के रहने वाले मुहम्मद सकलैन थाईम के नाम से जारी किया गया था और अजगर हाजीबाई के मोबाइल फोन पर सक्रिय था। इसके बाद पाकिस्तानी दूतावास से जुड़े एक व्यक्ति के निर्देश पर डिवाइस को माहेश्वरी के पास आणंद पहुँचाया गया, ताकि उसे वह पाकिस्तान भेज सके।

SP जाट ने कहा कि लाभशंकर माहेश्वरी एक पाकिस्तानी नागरिक है। वह साल 1999 में भारत आया था। बाद में उसे भारतीय नागरिकता मिल गई। हालाँकि, उसका पूरा परिवार अभी भी पाकिस्तान में ही रहता है। माहेश्वरी ने अपने परिवार से मिलने के लिए पाकिस्तानी वीजा के लिए आवेदन किया था।

वीज़ा प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए माहेश्वरी को पाकिस्तानी दूतावास में काम करने वाले एक व्यक्ति से मिलवाया गया था। अधिकारी ने बताया कि वह लगातार उस व्यक्ति के संपर्क में था, जिसने उसकी बहन और भतीजी को वीजा दिलाने में भी मदद की थी।

SP जाट ने कहा, “पाकिस्तान दूतावास में काम करने वाले व्यक्ति ने लाभशंकर को उस सिम कार्ड को प्राप्त करने और अपने फोन पर व्हाट्सएप इंस्टॉल करने के बाद उस सिम को अपनी बहन के साथ पाकिस्तान भेजने का निर्देश दिया। वह व्हाट्सएप नंबर अभी भी पाकिस्तान में सक्रिय है और वे भारतीय सेना के जवानों के परिवार के सदस्यों को निशाना बना रहे हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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