गुजरात के भरूच जिले के एक गाँव में जनजातीय समाज के लोगों को नवरात्रि में गरबा करने को लेकर धमकी देने का मामला सामने आया है। कथित तौर पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने इसे अपना इलाका बताते हुए गरबा आयोजन करने पर पत्थरबाजी की बात कही है।
मामला आमोद तालुका के इखर गाँव का है। भरूच जिले का यह इलाका मुस्लिम आबादी की अधिकता वाला है। रिपोर्टों के मुताबिक, इखार गाँव के जनजातीय समाज के लोगों ने इस संबंध में कलेक्टर को एक आवेदन दिया है। इसमें कहा गया है कि गाँव के मुस्लिम नेता ने नवरात्रि नहीं मनाने की धमकी दी है।
जनजातीय समाज के नेताओं और सामाजिक संगठनों ने इसे लेकर प्रशासन से न्याय की माँग की है। साथ ही बताया है कि उनके समुदाय के युवकों को गाली देते हुए जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया।
गरबा आयोजन पर मंडप उखाड़ने और पथराव की धमकी
जमीनी हकीकत पता करने के लिए ऑपइंडिया ने इखार गाँव में हर साल नवरात्रि का आयोजन करने वाले शैलेश वसावा से बात की। शैलेश ने बताया, “हर साल की तरह इस साल भी हम नवरात्रि आयोजन के लिए अपने गाँव की खुली जगह की सफाई कर रहे थे। मेरे साथ गाँव के कुछ अन्य युवक भी थे। जब हम सफाई कर रहे थे, तभी पास में रहने वाले मोहसिन अली खान पठान और अली हसन पठान आकर हमें माँ-बहन की गालियाँ देने लगे।”
वासवा ने बताया कि उनके गाँव में ज्यादातर आबादी मुसलमानों की है। मुस्लिम बहुल इस गाँव में जनजातीय समाज के हिंदू भी रहते हैं। उन्होंने कहा, “वे आए और हमारे साथ दुर्व्यवहार करने लगे। हमने उनसे कहा हम एक साथ गाँव में रहते हैं तो आप ऐसा व्यवहार क्यों करते हैं? यह सुनकर मुस्लिम नेता और भड़क गए और बोले- जिसे बुलाना है बुलाओ। यह हमारा इलाका है। हम तुम लोगों को यहाँ नवरात्रि नहीं मनाने देंगे।”
शैलेश वासवा के मुताबिक मुस्लिमों ने उन्हें बुरी तरह धमकाया। धमकी देते हुए कहा, “अगर तुमने गरबा किया तो हम मंडप उखाड़ देंगे और पथराव करेंगे।” वासवा के मुताबिक, गाँव में हिंदुओं की आबादी बहुत कम है और उनके पास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कोई अन्य जगह भी नहीं है।
हिंदू महिलाओं से अभद्र व्यवहार का भी आरोप
ऑपइंडिया को नवरात्रि के आयोजक शैलेश वसावा ने ये बताया, “यह पहली बार नहीं है कि गाँव के मुस्लिमों ने हिंदूओं के साथ तरह का व्यवहार किया है। इससे पहले भी ये लोग ऐसे कई काम कर चुके हैं।” उन्होंने बताया, “एक बार उन्होंने उस जगह को तोड़ दिया जहाँ माता रानी का गरबा और पवित्र दीपक रखा गया था, लेकिन हमने शिकायत नहीं की क्योंकि हमें उनके बीच रहना था। हम अपने त्योहारों या पवित्र अवसरों पर उत्सव मनाने के लिए उसी जगह का इस्तेमाल करते रहे हैं और हर बार वो मुश्किलें खड़ी करते हैं। इस बार भी उन्होंने नवरात्रि मंडप न बनाने और गरबा का आयोजन न करने की धमकी दी है।”
शैलेश वासवा का यह भी कहना है कि हिंदू महिलाओं के साथ स्थानीय मुस्लिम कई बार अभद्र व्यवहार कर चुके हैं। उनकी संख्या अधिक होने के कारण कोई कुछ नहीं कह पाता है। उन्होंने बताया, “उनकी धमकियों से हम चिंतित हैं। वे भविष्य में हमें नुकसान पहुँचा सकते हैं। प्रशासन से हमारी माँग है कि हमें सुरक्षा और न्याय दी जाए।”
इस घटना के सामने आने के बाद भरूच की वीर बिरसा ब्रिगेड और जनजातीय समाज के कई संगठन एकजुट हो गए हैं। इन संगठनों ने जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन देकर धमकी देने वाले मुस्लिम नेताओं पर कार्रवाई की माँग की है।